मुजफ्फरपुर: एडीएम आपदा प्रबंधन का चालक जीतेंद्र पासवान किसके आदेश से समाहरणालय के कमरे में रह रहा था. घटना के बाद ये सवाल खड़ा हो गया है? इस संबंध में जब एडीएम आपदा प्रबंधन भानु प्रताप सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन शाम के कहने लगे कि जब गाड़ी किसी दिन देर रात में वापस आती थी, तो जीतेंद्र को कैंपस में रहने की इजाजत दी जाती थी, लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि जीतेंद्र लगातार कैसे परिसर में रह रहा था? एडीएम साहब ने आगे कहा, ये कहा कि गाड़ी आउटसोर्सिग पर थी, जिस व्यक्ति ने गाड़ी मुहैय्या करायी थी.
उसी से ड्राइवर जीतेंद्र पासवान को भी भेजा था, जो पिछले डेढ़ माह से गाड़ी चला रहा था. घटना के बाद से चालक जीतेंद्र पासवान फरार है. जीतेंद्र की खोज की जा रही है. वह जो गाड़ी चलाता था, वो कलेक्ट्रेट परिसर में उस स्थान पर खड़ी मिली है, जहां एडीएम आपदा प्रबंधन का कार्यालय है, जबकि जीतेंद्र पासवान आपातकालीन संचालन केंद्र के उस कमरे में रह रहा था, जो आपदा प्रबंधन विभाग के जिम्मे है.
विभाग की ओर से इस कमरे को आपदा का स्टोर बनाया गया था, पर करीब माह भर से इसमें जीतेंद्र रह रहा था. आपदा के अंतर्गत आनेवाले ऑफिस की जिम्मेवारी अंतत: विभाग के एडीएम की होती है, पर एडीएम इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं, जिस तरह की आपित्तजनक चीजें चालक के कमरे से मिली हैं. वो भी सवाल खड़े करती हैं. कमरे से दर्द निवारक गोलियों के साथ कंडोम जैसी चीजें का मिलना भी सवाल खड़े करती है?