मुजफ्फरपुर. आज हमारा समाज शून्य की स्थिति में है. जातिवाद, संप्रदायवाद, धर्मवाद, पंथवाद आदि से समाज का ताना-बाना ही बिगड़ा हुआ है. ऐसे में समाज को गांधीवाद ही स्वीकारना पड़ेगा. उनके सुचिता को अपनाना होगा. तभी समाज की शून्यता को समाप्त किया जा सकता है. ये बातें श्रीगांधी पुस्तकालय में रविवार को आयोजित केशव प्रसाद अग्रवाल व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए आरडीएस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ रमेश ऋतंभर ने कहा. वे ‘गांधी और हमारा समाज’ विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आज यदि देश गांधी के सिद्धांत पर चलता तो नक्सलवाद, आतंकवाद नहीं पनपता. गोष्ठी के संयोजक डॉ विजय कुमार जायसवाल ने कहा कि गांधी के तीन स्वरूप संत, महात्मा व राजनेता है. वे जातिवाद व समाजिक बुराईयों से जीवन भर लड़ते रहे. अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार विष्णुकांत झा ने कहा कि अफ्रीका में रेलवे स्टेशन पर गांधी के साथ अंग्रेजो द्वारा दुर्व्यवहार ने मोहनदास को गांधी में बदल दिया. गोष्ठी में सूर्यनारायण ठाकुर, नरेंद्र कुमार, अरुण चौधरी, उदयशंकर चौधरी, अमरनाथ पंजियार, चिराग पोद्दार, शिवजी प्रसाद आदि मौजूद थे. संचालन नाटककार सुधीर कुमार और धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री धर्मनाथ प्रसाद ने किया.
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गांधीवाद से ही दूर होगी शून्यता
मुजफ्फरपुर. आज हमारा समाज शून्य की स्थिति में है. जातिवाद, संप्रदायवाद, धर्मवाद, पंथवाद आदि से समाज का ताना-बाना ही बिगड़ा हुआ है. ऐसे में समाज को गांधीवाद ही स्वीकारना पड़ेगा. उनके सुचिता को अपनाना होगा. तभी समाज की शून्यता को समाप्त किया जा सकता है. ये बातें श्रीगांधी पुस्तकालय में रविवार को आयोजित केशव प्रसाद […]
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