मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में एमबीए कोर्स के निदेशक पद से डॉ आरपी सिंह को हटाये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार को एमबीए के करीब दो दर्जन छात्रओं ने निर्णय के विरोध में विवि में जम कर हंगामा किया. कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला के साथ बहस की. छात्रों ने कुलपति डॉ रवि वर्मा के समक्ष भी अपना विरोध जताया. इस मामले को लेकर देर शाम अधिकारियों की बैठक भी हुई. इसमें पूर्व निदेशक डॉ रघुनंदन प्रसाद सिंह भी शामिल हुए. हालांकि अधिकारियों ने निर्णय को बदलने की किसी भी संभावना से इनकार किया. विदित हो कि बुधवार को कुलपति ने डॉ रघुनंदन प्रसाद सिंह की जगह वाणिज्य विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष को एमबीए कोर्स का निदेशक व डॉ सीकेपी सिंह की जगह डॉ शिवजी सिंह को संयुक्त निदेशक नियुक्त किया था.
एक साल से चल रहा है विवाद
वर्ष 2012 में डॉ पीएन गुप्ता की जगह लोक सूचना पदाधिकारी डॉ रघुनंदन प्रसाद सिंह को एमबीए कोर्स का निदेशक बनाया गया. इसके साथ ही विवाद शुरू हो गया. वाणिज्य विभाग में जगह की कमी को आधार बनाते हुए एमबीए कोर्स को कही अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग उठने लगी. बीच-बीच में एमबीए छात्रों ने वाणिज्य विभाग पर जानबूझ कर सुविधाओं से वंचित करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन भी किया.
इस सभी के पीछे निदेशक के पद को ही कारण माना गया. पिछले दिनों कुलपति के आदेश के बावजूद रशियन विभागाध्यक्ष के विरोध के कारण एमबीए कोर्स को रशियन विभाग में स्थानांतरित नहीं होने देने के पीछे भी इसी को कारण माना गया. बुधवार को जब विवि प्रशासन ने नये निदेशक व संयुक्त निदेशक के रूप में वाणिज्य विभाग के शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही एमबीए कोर्स को एक बार फिर वाणिज्य विभाग में संचालित करने की घोषणा की. इसके बाद निदेशक के पद को लेकर विवाद खुल कर सामने आ गया.