मुजफ्फरपुर: सेल टैक्स चोरी करने के लिए व्यवसायियों ने अब नया तिकड़म लगाया है. गोरखधंधे से जुड़े कुछ व्यवसायी रोड परमिट सुविधा तो ले रहे हैं, लेकिन माल उतरने की जगह बिहार का कोई जिला नहीं दिखाते. वे झारखंड, मुंबई सहित अन्य शहरों से बिहार के बाहर दूसरे राज्यों के लिए माल लोड होने के राज्य से परमिट लेते हैं, लेकिन वह सामान पटना, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज सहित अन्य जिलों में उतरता है.
मंगाये जाने वाले सामान में सरसो तेल, कोयला, हार्डवेयर व दवाइयां सहित अन्य वस्तुएं शामिल होती है. सामान को बिहार में उतरने की जानकारी विभाग को नहीं होती. जिससे उसका बिक्री कर विभाग को नही मिल पाता, जिससे विभाग को हर महीने लाखों का चूना लगता है. इस गोरखधंधे में सूबे के कुछ कारोबारियों के अलावा बाहर के कारोबारियों की मिलीभगत होती है. ये लोग माल उतारने के बाद ट्रक को चेक पोस्ट से गुजार कर उसे दूसरे राज्य के लिए प्रस्थान दिखा देते हैं. नतीजा विभाग वस्तुओं के टैक्स से वंचित रह जाता है.
ऐसे होती है टैक्स की चोरी
विभागीय सूत्रों की मानें तो झारखंड से कोयला लेकर आने वाली ट्रक का परमिट असम का होता है, लेकिन वह माल असम में नहीं उतरता. उसे बिहार के किसी जिले में उतार लिया जाता है. फिर उसकी बिक्री की जाती है. इससे बिहार को जो कर मिलना चाहिए था वह नहीं मिलता. मंगाने वाला परमिट तो असम तक का बनाता है. यदि सामान झारखंड से चला तो वहां उसने टैक्स दिया, लेकिन बिहार में उसका व्यवसाय किया तो उसका टैक्स बिहार को नहीं मिला. कारोबारी गलत परमिट बना बिक्री कर हजम कर जाते हैं.
सरसो तेल के धंधे से खुलासा
उत्तर बिहार की मंडी होने के कारण जिले में रोज करीब आठ से दस ट्रक सरसो का तेल आता है, लेकिन पिछले कई महीनों से दो तीन ट्रक ही आ रहा था. विभाग को इस पर शंका हुई. विभाग की जांच से पता चला कि तेल की खपत तो पहले की ही तरह है, लेकिन सरसो तेल का ट्रक का परमिट यहां के लिए नहीं बन रहा है. इसके बाद गठित धावा दल ने एनएच पर अभियान चलाया. जिसका नतीजा यह रहा कि पिछले चार दिनों में विभाग ने ऐसे 25 ट्रक पकड़े, जिसका परमिट दूसरे राज्य के लिए था, लेकिन सरसो तेल सहित अन्य सामग्री बिहार में ही उतरना था. पकड़े गये माल पर विभाग ने लाखों की पेनाल्टी की है.