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बिहार विवि प्रशासन की साख पर सवाल
सुजीत कुमार मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय कभी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता था. लेकिन विवि में हुई कुछ घटनाओं से इसकी छवि धुमिल हुई है. कुछ ऐसा ही हुआ पार्ट थ्री की परीक्षा में. समय से करीब सात महीने देर से स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा शुक्रवार को शुरू हुई. परीक्षा […]
सुजीत कुमार
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय कभी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता था. लेकिन विवि में हुई कुछ घटनाओं से इसकी छवि धुमिल हुई है. कुछ ऐसा ही हुआ पार्ट थ्री की परीक्षा में. समय से करीब सात महीने देर से स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा शुक्रवार को शुरू हुई. परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले गुरुवार को उसके प्रश्न पत्र लीक हो गये थे.
परीक्षा शुरू होने के महज पंद्रह मिनट बाद विवि के गलियारे में यह बात फैल गयी कि जो प्रश्नपत्र गुरुवार को बाजार में बिके थे, वही पश्न परीक्षा में पूछे गये हैं. दोपहर बारह बजे पहली पाली संपन्न हुई और परीक्षार्थी जब बाहर आये तो लीक प्रश्नपत्र का मिलान करने के बाद जो रहा-सहा कसर था, वह पूरा हो गया. यही नहीं, भूगोल, हिंदी, रसायन व भौतिकी के प्रश्न पत्र भी लीक होने की बात हवा में उड़ी. साथ ही शनिवार को होने वाली गणित, मनोविज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, गृह विज्ञान व राजनीति विज्ञान के प्रश्नपत्र भी बाजार में होने का अफवाह उड़ा. इनके मद्देनजर विवि प्रशासन ने अपरिहार्य कारण बताते हुए शनिवार के दोनों पालियों में होने वाले सभी विषयों के पांचवे पत्र की परीक्षा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
जांच में जुटा प्रशासन
भले ही, कॉमर्स की परीक्षा को रद्द और शनिवार के विषयों की परीक्षा को स्थगित कर दी गयी हो, लेकिन इस मामले ने विवि के परीक्षा विभाग की साख को धूमिल करते हुए सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं. सकते में पड़ा प्रशासन इस तफ्तीश में जुटा है कि आखिर इसमें विवि कौन-कौन लोग संलिप्त हैं. परीक्षा विभाग के स्टोर में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी महीनों से काम कर रहा है. वह भी बिना किसी सेवा विस्तार के. उनके जिम्मे ही सारे प्रश्न पत्र होते हैं. शुक्रवार को होने वाले विषयों की परीक्षा का प्रश्नपत्र गुरुवार की दोपहर तक शहर के सभी केंद्रों पर पहुंचा दिया गया था. कई केंद्रों के केंद्राधीक्षक की अनुपस्थिति में कर्मचारियों ने ही उसे प्राप्त कर लिया. हो सकता है, उसी वक्त प्रश्न पत्र का हेर-फेर हुआ हो.
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