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दस लाख तक विभागीय कार्य की मंजूरी

नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में फैसला मुजफ्फरपुर : एमआरडीए कार्यालय में गुरुवार को नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में वेपर लगाये जाने का मुद्दा छाया रहा. मामले को लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया. वहीं मेयर वर्षा सिंह की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. नगर […]

नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में फैसला

मुजफ्फरपुर : एमआरडीए कार्यालय में गुरुवार को नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में वेपर लगाये जाने का मुद्दा छाया रहा. मामले को लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया.

वहीं मेयर वर्षा सिंह की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. नगर आयुक्त सीता चौधरी की ओर से लाये गये पानी के शुल्क के प्रस्ताव को समिति ने स्वीकृति नहीं दी. सदस्यों ने बताया कि जनहित में इस प्रस्ताव को खारिज किया गया है. शहर में पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में यूजर्स चार्ज लगाना उचित नहीं है.

बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. इसके तहत 10 लाख तक का कार्य विभागीय कराने की मंजूरी स्थायी समिति से मिल गयी. इसे अनुमोदन के लिए बोर्ड के समक्ष रखा जायेगा. बैठक में डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, पार्षद सह सदस्य दीप लाल राम, रवि शंकर शर्मा, राजा विनीत कुमार, मोहम्मद अब्दुल्लाह, रामनाथ प्रसाद गुप्ता, कृष्ण कुमार साह, विजय कुमार झा उपस्थित थे.

वेपर जांच के लिए कमेटी गठित

शहर के प्रत्येक वार्ड में लगाये जा रहे वेपर लाइट की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़ा हो गया है. बैठक में इसे लेकर काफी शोरशराबा हुआ. एस्टिमेट के अनुसार वेपर नहीं लगाये जाने का मामला सामने आया. वार्ड-33 के पार्षद मोहम्मद अब्दुल्लाह ने कहा कि वार्ड में डुप्लीकेट वेपर लाइट लगायी जा रही है. सभी समान लोकल कंपनी के लगाये गये हैं. इसके कारण नया वेपर कुछ दिनों में ही खराब हो रहा है.

पार्षद अपने वार्ड में लगे एक वेपर खोल कर साथ लाये थे. इसे दिखा कर बताया कि यह नया वेपर खराब हो गया है. इसके बाद वेपर की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया. डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, पार्षद मोहम्मद अब्दुल्लाह, रविशंकर शर्मा, रामनाथ प्रसाद गुप्ता इंजीनियर उदय शंकर प्रसाद सिंह मामले की जांच करेंगे. बता दें कि वर्तमान में शहर में 700 नये वेपर लगाये जा रहे हैं.

विकास कार्य में आयेगी तेजी

सशक्त स्थायी समिति ने 10 लाख तक से कम की योजनाओं को विभागीय से कराने की स्वीकृति दे दी. महापौर सदस्यों ने बताया कि जनहित को ध्यान में रख यह निर्णय लिया गया. इसे बोर्ड में अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा. बता दें कि टेंडर की प्रक्रिया में पड़ने के कारण निगम की दर्जनों योजनाएं लंबित हैं. कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनका कई बार टेंडर होने के बाद भी ठेकेदारों ने रुचि नहीं ली.

अनुबंध पर बहाल होंगे सौ मजदूर

सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिये स्थायी समिति ने निगम में सौ मजूदरों को अनुबंध पर रखने का फैसला लिया है. महापौर ने बताया की वैकल्पिक व्यवस्था होते ही निदान से कई वार्ड वापस ले लिये जायेंगे. वहीं तत्काल वार्ड-17 से निदान को हटाया जायेगा.

रौतिनियां में लगेगा ट्रीटमेंट प्लांट

कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रौतिनियां में जगह उपलब्ध करायी जायेगी. समिति ने उक्त मामले पर मंजूरी दे दी. निर्णय के तहत प्लांट लगाने के लिए करीब ढाई एकड़ जमीन दी जायेगी. जिला प्रशासन की ओर से हाल ही में ट्रीटमेंट प्लांट के स्थल के संबंध में निगम प्रशासन को पत्र भेजा गया था.

पर्यवेक्षण की जवाबदेही पर आपत्ति

सरकार की ओर से डूडा के कार्यपालक अभियंता को विभागीय जिला अभियंता प्राधिकृत किये जाने को स्थायी समिति ने स्वीकार नहीं किया है. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग को पत्र भेजा जायेगा. समिति के सदस्यों ने बताया कि डूडा के कार्यपालक अभियंता निगम की योजनाओं में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. योजनाओं की जांच के लिए निगम में पहले से अभियंता प्रतिनियुक्त है.

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