मुजफ्फरपुर : धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व धोखाधड़ी के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी रंजुला सिन्हा की कोर्ट ने निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें कोर्ट में हाजिर होने का सम्मन जारी किया है.
उन्हें 19 अगस्त तक कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है. उनके खिलाफ सदर थाना क्षेत्र के लहलादपुर निवासी अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने 08 जनवरी 2012 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मामला दर्ज कराया था.
श्री ओझा के अनुसार निर्मल बाबा 32 से 35 इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से नई दिल्ली स्थित नेहरू पैलेस में आयोजित समागम का प्रचार–प्रसार करते थे. इसमें उन्हें भगवान बताया जाता था. समागम में भाग लेने के लिए बारह सौ रुपये फीस के रूप में ली जाती थी. यही नहीं प्रचार के माध्यम से लोगों से अपनी आय की दस प्रतिशत राशि उनके बैंक अकाउंट में डालने की अपील की जाती थी.
टीवी पर प्रचार देखने के बाद उन्होंने बारह सौ रुपये बताये गये पते पर भेजा ताकि उन्हें समागम का टिकट मिल सके. पर उन्हें टिकट नहीं मिला. अधिवक्ता ने बाबा पर करोड़ों लोगों के भावनाओं से खेलने व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया.
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बाद में मामले की सुनवाई के लिए न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भेज दिया था. सुनवाई के दौरान साक्षियों के बयान के बाद कोर्ट ने निर्मल बाबा के खिलाफ संज्ञान लेने हुए सम्मन जारी करने का आदेश दिया.