फोटो माधव मुजफ्फरपुर. अखिल भारतीय धोबी महासंघ व संत गाडके महाराज सेवा संस्थान की ओर से सिकंदरपुर स्थित धोबी घाट में संत गाडके जी की 58वीं पुण्यतिथि समारोह मनाई गयी. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रद्दुमन रजक ने की. पुण्यतिथि समारोह के उद्घाटन करते हुए देवन रजक ने कहा कि हमारा देश ऋषि मुनियों, संतों का देश रहा है जिन्होंने दर्शन का ज्ञान देकर समाज में संतुलन की व्यवस्था को जारी रखा. प्रद्दुम्न रजक ने कहा कि संत गाडके महाराज को बचपन से ही ईश्वर भक्ति की ओर झुकाव था. डॉ वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि वह खुद पढ़े लिखे नहीं थे, लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने को कहते थे. वे जानते थे कि अशिक्षा ही गरीबी और शोषण का मूल कारण है. मनोज कुमार बैठा ने कहा कि संत गाडके महाराज का नाम केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, सारे भारत वर्ष में अति श्रद्धा व आदर से लिया जाता है. डॉ विजय रजक ने कहा कि गाडके महाराज दहेज प्रथा के कट्टर विरोधी थे. मंच का संचालन राम बाबू पटेल ने किया. समारोह में धमेंद्र पासवान, सुजीत रजक, गणेश रजक, जयमंगल रजक, विनोद चौधरी, अमित कुमार लाला, बबलू रजक, रामा नंदन रजक, अनिल कुमार बैठा, अजय रजक, शशि रजक, जवाहर रजक, परीक्षण चौधरी, उपेंद्र रजक, नेम्बो लाल, तुलसी रजक, पूनम कुमारी, मुकेश पासवान, अनिल पासवान ने भी संबोधित किया.
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अशिक्षा से ही गरीबी और शोषण
फोटो माधव मुजफ्फरपुर. अखिल भारतीय धोबी महासंघ व संत गाडके महाराज सेवा संस्थान की ओर से सिकंदरपुर स्थित धोबी घाट में संत गाडके जी की 58वीं पुण्यतिथि समारोह मनाई गयी. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रद्दुमन रजक ने की. पुण्यतिथि समारोह के उद्घाटन करते हुए देवन रजक ने कहा कि हमारा देश ऋषि मुनियों, संतों का देश रहा […]
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