मुजफ्फरपुर: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रामबाग के चयनित 79 अभ्यर्थियों का नामांकन शुल्क लौटाये जाने के बाद इनका भविष्य अधर में है. शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण विभाग की निदेशक सुरसरि कुमारी ने इसके लिए तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ वैशाली मुस्तफा हुसैन मंसूरी को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि पूर्व डीइओ ने निदेशालय के नामांकन आदेश की अवहेलना की है. विभाग ने पूरे मामले पर 15 दिनों के भीतर तत्कालीन डीइओ से स्पष्टीकरण मांगते हुए कार्रवाई का निर्देश डीइओ गणोश दत्त झा को दिया है.
विज्ञापन निकालने पर नाराज हुए थे डीइओ. दरअसल सत्र 2014-16 में अभ्यर्थियों के नामांकन के लिए निदेशक के निर्देश पर संस्थान ने विज्ञापन निकाला था. संस्थान की प्राचार्य ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रकाशित कराया था. इसमें 79 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. इसी बीच नामांकन समिति के अध्यक्ष व तत्कालीन डीइओ मंसूरी लंबी छुट्टी पर चले गये. इसके कारण चयनित 79 अभ्यर्थियों का नामांकन नहीं हो सका. जब वे छुट्टी से लौटे, तब उनके समक्ष पूरा मामला रखा गया, लेकिन वे प्राचार्य द्वारा विज्ञापन निकाले जाने से नाराज थे. इस कारण उन्होंने इसे खारिज करते हुए 24 नवंबर को मीटिंग कर चयनित 79 अभ्यर्थियों का जमा नामांकन शुल्क चेक से वापस करने का निर्देश दिया. इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से की थी. प्राचार्य वीणा सिंह ने भी छात्रों के अनिश्चित के लिए तत्कालीन डीइओ को जिम्मेदार ठहराया है.
टीइटी पास का होता है नामांकन
ट्रेनिंग संस्थान में टीइटी पास अभ्यर्थी जो जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में नियोजित शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, का नामांकन होता है. इसके अलावा वैसे अभ्यर्थी जो टीइटी पास हैं लेकिन बीएड नहीं किया है, उनका भी नामांकन होता है. इसके लिए 100 सीट निर्धारित है.
डीइओ के साथ डीपीओ भी जिम्मेदार
इस मामले में विभाग ने तत्कालीन डीइओ मुस्तफा हुसैन मंसूरी व प्रभारी डीइओ सह डीपीओ स्थापना मदन राय को जिम्मेवार ठहराया है. नवंबर माह में पूर्व डीइओ छुट्टी पर थे. ऐसे में डीपीओ स्थापना डीइओ के प्रभार में थे. प्रभारी डीइओ ने 12 नवंबर 2014 को नामांकन समिति की बैठक की. लेकिन बैठक में उक्त सत्र के अभ्यर्थियों की मेधा सूची अनुमोदित नहीं की गयी. इसके बाद 24 नवंबर की बैठक में पूर्व डीइओ के निर्णय के अनुसार सभी 79 अभ्यर्थियों का नामांकन शुल्क चेक से वापस लौटा दिया गया. वर्तमान में संस्थान में मात्र 21 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं.