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प्राचार्यो ने दिखाये तेवर तो भागे बीएसइबी के अध्यक्ष

मुजफ्फरपुर: वित्त रहित इंटर स्तरीय महाविद्यालय के प्राचार्यों व प्रधानाध्यापकों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जिला स्कूल में आयोजित कार्यशाला में जमकर हंगामा किया. प्रमंडल से आये प्राचार्य व शिक्षकों ने बोर्ड के कार्यशाला का बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों के आक्रोश से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद भाग खड़े […]

मुजफ्फरपुर: वित्त रहित इंटर स्तरीय महाविद्यालय के प्राचार्यों व प्रधानाध्यापकों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जिला स्कूल में आयोजित कार्यशाला में जमकर हंगामा किया. प्रमंडल से आये प्राचार्य व शिक्षकों ने बोर्ड के कार्यशाला का बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों के आक्रोश से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद भाग खड़े हुए.

कार्यशाला शुरू होने के बाद प्रधानाध्यापकों व प्रतिनिधियों को बोर्ड की ओर से एक शपथ पत्र उपलब्ध कराया गया था, जिसमें शिक्षण संस्थान के संबंध में पूरी जानकारी देनी थी. शिक्षकों ने जैसे ही शपथ पत्र को पढ़ा, उसके बाद हंगामा शुरू कर दिया. बीच में ही बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी सचिंद्र प्रसाद से भी शिक्षक उलझ गये. दूसरा सत्र शुरू होते ही शिक्षक इतने उग्र हो गये बोर्ड के चेयरमैन को मंच से उतरना पड़ा. भारी विरोध के कारण जिला स्कूल के प्राचार्य कक्ष में जाकर चेयरमैन ने राहत की सांस ली.

शिक्षकों ने लगाये आरोप
एवीएस कॉलेज लालगंज वैशाली के प्रो. रघुवंश कुमार का कहना था कि बोर्ड की ओर से जानबूझकर वित्त रहित कॉलेजों को परेशान किया जा रहा है. यह शपथ पत्र किसी भी सूरत में नहीं देंगे. कॉलेजों को गिरवी रखने की साजिश है. राजा राम साह महाविद्यालय रक्सौल के प्राचार्य सूर्य नारायण प्रसाद का कहना था कि सभी कॉलेजों को एनजीओ को देने की साजिश चल रही है.

बोर्ड का यह फैसला कभी नहीं मानेंगे. बोर्ड के निर्णय के खिलाफ बीएसइबी पटना के समक्ष धरना व प्रदर्शन करेंगे. बालाजी इंटर कॉलेज पानापुर कांटी के प्रो. राजेंद्र कुमार का कहना था कि कई बार विद्यालय के संसाधनों के संबंध में बोर्ड को अवगत कराया जा चुका है. बार-बार एक बात को दोहराने का क्या मतलब है? ठाकुर युगल किशोर सिंह कॉलेज सीतामढ़ी के शिक्षक अनिल कुमार बताते हैं कि बार-बार कॉलेज के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है. लेकिन इसके बदले में अनुदान कहां दिया जा रहा है.

दो वर्षो से अनुदान बकाया है. ऐसे में शिक्षकों का कल्याण नहीं होने वाला है. किसी भी हालत में बोर्ड के फॉरमेट में जानकारी नहीं देंगे.

ठाकुर युगल किशोर सिंह कॉलेज सीतामढ़ी प्रो. मो. शाह आलम बताते हैं कि वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को सोसाइटी व ट्रस्ट में देने की बात हो रही है. शपथ पत्र अगर कॉलेजों ने दिया तो सभी शिक्षण संस्थान एनजीओ को दे दिया जायेगा. यह शिक्षकों व संस्थानों के साथ अन्याय है.

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