फोटो: 09साहरघाट. प्रखंड क्षेत्र के पिहवारा पंचायत अंतर्गत सोबरौली गांव के उतरवारी टोल में धौंस नदी के किनारे पर लगाया गया सरकारी नलकूप वर्षों से बंद पड़ा है. संबंधित विभाग के किसी अधिकारियों द्वारा वहां का निरीक्षण नहीं किया गया है, ताकि वास्तविकता का पता चल सके. यही नहीं, इसको चालू करने के लिए कोई खास व्यवस्था भी नहीं की गयी है. इससे लाखों की लागत से लगाया गया यह सरकारी बोरिंग शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. लिहाजा आज भी गांव के सैकड़ों किसानों को अपने खेत की सिंचाई के लिए धौंस नदी के काले पानी या वैकल्पिक व्यवस्था पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. आये दिन बाढ़ व सुखाड़ से यहां के किसान की स्थिति निरंतर बद से बदतर होती जा रही है. उधर, विभागीय अधिकारी ग्रामीणों की इस जटिल समस्या के बिल्कुल बेखबर हैं. जबकि इस नलकूप पर कार्यरत कर्मियों का वेतन भुगतान नियति रूप से जारी है. दूसरी तरफ उक्त बोरिंग के निर्माण स्थल पर भी विवाद होने की बात ग्रामीणों की ओर सेबतायी जा रही है. जानकारी के अनुसार जिस जगह पर यह सरकारी नलकूप लगाया गया है. वह गांव के ही श्री नारायण सिंह के पुत्र राणा सिंह की निजी जमीन है, लेकिन न तो विभाग द्वारा उक्त जमीन को अधिग्रहण किया गया है न ही भूस्वामी से अनुबंध पर ही यह जमीन ली गयी है. नतीजन भूस्वामी मुआवजे को लेकर विभागीय कार्यालयों का चक्कर लगाकर निराश हो चुके हैं. वहीं, मधवापुर प्रखंड कृषि पदाधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की विस्तृत जानकारी उन्हें नहीं है. लिखित रूप से शिकायत मिलने पर संबंधित विभाग को इस समस्या से अवगत कराया जायेगा.
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वर्षों से बंद है सरकारी नलकूप
फोटो: 09साहरघाट. प्रखंड क्षेत्र के पिहवारा पंचायत अंतर्गत सोबरौली गांव के उतरवारी टोल में धौंस नदी के किनारे पर लगाया गया सरकारी नलकूप वर्षों से बंद पड़ा है. संबंधित विभाग के किसी अधिकारियों द्वारा वहां का निरीक्षण नहीं किया गया है, ताकि वास्तविकता का पता चल सके. यही नहीं, इसको चालू करने के लिए कोई […]
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