वर्ष 2008 में सदर अस्पताल में खरीदी गयी सोनोग्राफी मशीनसंसाधन होने के बावजूद एक भी मरीजों का नहीं हुई सोनोग्राफीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में संसाधन के बावजूद मरीजों की इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. आलम यह है कि सोनोग्राफी मशीन की खरीदारी के सात वर्ष बाद भी एक भी मरीज की सोनोग्राफी नहीं हुई. मशीन से काम नहीं होने के कारण मशीन खराब हो चुका है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकी. भविष्य में भी यहां सोनोग्राफी की सुविधा के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. जानकारी हो कि वर्ष 2008 में सोनोग्राफी मशीन की खरीदारी हुई थी, लेकिन खरीदारी के बाद से ही उसे बंद कर रख दिया गया. सात वर्ष बीत जाने के बाद भी उससे एक भी मरीज की सोनोग्राफी नहीं हुई. मशीन के काम नहीं करने के कारण वह खराब हो चुका है.आउटसोर्सिंग से होती है सोनोग्राफीयहां आये मरीजों की सोनोग्राफी आउटसोर्सिंग से चल रहे केंद्र में की जाती है. डॉक्टर मरीज को जब सोनोग्राफी लिखते हैं तो उसे अस्पताल परिसर स्थित आउटसोर्सिंग से चल रहे आजीजीएमएस में मरीजों की सोनोग्राफी होती है. इसके एवज में राज्य स्वास्थ्य समिति राशि का भुगतान करती है. जबकि अस्पताल में संसाधन व प्रशिक्षित डॉक्टर होने के बाद भी यहां मरीजों के लिए सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी.वर्जनअस्पताल में अभी सोनोग्राफी सेंटर शुरू किये जाने पर विचार किया जायेगा. हालांकि तत्काल सोनोग्राफी सेंटर शुरू किये जाने की योजना नहीं है.डॉ ज्ञान भूषण, सिविल सर्जन .
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सात वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुआ सोनोग्राफी सेंटर
वर्ष 2008 में सदर अस्पताल में खरीदी गयी सोनोग्राफी मशीनसंसाधन होने के बावजूद एक भी मरीजों का नहीं हुई सोनोग्राफीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में संसाधन के बावजूद मरीजों की इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. आलम यह है कि सोनोग्राफी मशीन की खरीदारी के सात वर्ष बाद भी एक भी मरीज की […]
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