मुजफ्फरपुर: समाजवाद के नाम पर जिस महागंठबंधन की बात की जा रही है, दरअसल वह जातिगत आधार पर राजनीति का प्रयास है. इसमें वैसे दल शामिल होने जा रहे हैं जो किसी-न-किसी खास जाति को अपना जनाधार मानते हैं. जनता इन सभी को नकार चुकी है. ऐसे में यह असफल पार्टियों का महागंठबंधन है.
और पूरी दुनिया में ऐसा कोई उदाहरण मौजूद नहीं है, जिसमें दो या दो से अधिक असफल लोगों का गंठबंधन सफलता का आधार बना हो.
यह बातें नोखा के विधायक सह भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रामेश्वर चौरसिया ने कही. वे शनिवार को जूरनछपरा स्थित भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, बिहार में लालू व नीतीश का गंठबंधन भी जातिगत आधार पर सत्ता पाने की चाह को लेकर बनी है. इस लालसा के कारण आम जनता तबाह हो रही है. पुल व सड़क निर्माण जैसे विकास के कार्य रंगदारों व बाहुबलियों के कारण ठप हो गये है.
एजेंसियां सूबे में काम करने से डर रही है. वहीं खुद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयान दे रहे हैं. पर वे भोले हैं. वे वहीं बोलते हैं, जैसा स्क्रिप्ट लालू व नीतीश उन्हें लिख कर देते हैं. यह राजनीतिक लाभ के लिए उनकी सोची-समझी रणनीति है. पर जनता है, सब जानती है. वह उनके बहकावे में नहीं आने वाली. मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह सहित अन्य लोग भी मौजूद थे.