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नोट फॉर वोट : जारी हो सकता है गिरफ्तारी का आदेश

मुजफ्फरपुर: नगर निगम के नोट फॉर वोट मामले में आरोपितों पर शिकंजा और कस गया है. इनके खिलाफ कभी भी गिरफ्तारी का आदेश जारी हो सकता है. इस मामले में निगरानी डीएसपी ने मुख्यालय को जांच की प्रगति रिपोर्ट सौप दी है. इसमें जो साक्ष्य दिये गये हैं, वह मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी […]

मुजफ्फरपुर: नगर निगम के नोट फॉर वोट मामले में आरोपितों पर शिकंजा और कस गया है. इनके खिलाफ कभी भी गिरफ्तारी का आदेश जारी हो सकता है. इस मामले में निगरानी डीएसपी ने मुख्यालय को जांच की प्रगति रिपोर्ट सौप दी है. इसमें जो साक्ष्य दिये गये हैं, वह मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त बताये जा रहे हैं.

अनुसंधानक डीएसपी विजय प्रताप सिंह ने जांच के क्रम में मामले से जुड़े हर बिंदु पर जांच की. इसमें गवाहों के बयान लिये. बारह स्वतंत्र गवाहों का बयान धारा 164 के तहत निगरानी न्यायालय में दर्ज कराये गये. पांच अन्य गवाहों ने भी निगरानी डीएसपी को अपना लिखित बयान सौंपा. अभियुक्तों का भी पक्ष लिया गया. सभी की संपत्ति का ब्योरा चुनाव में दिये गये शपथ पत्र के आधार पर जांची गयी. जांच के क्रम में कई पार्षदों की संपत्ति पांच साल के अंदर काफी अधिक होने की बात सामने आयी. बैंक खातों को भी खंगाला गया. उसमें भी निगरानी विभाग को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले.

इस मामले में बीती 31 जनवरी को निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें सूचक निगरानी एसपी उपेंद्र प्रसाद सिंह बने. प्राथमिकी में 26 नामजद व आठ अप्राथमिकी अभियुक्त बनाये गये.

सूत्रों के अनुसार निगरानी डीएसपी विजय प्रताप सिंह ने जो प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय को समर्पित किया है, उसमें पर्याप्त साक्ष्य हैं. रिपोर्ट में सुधीर कुमार ओझा, गार्गी सिंह, सुरेश कुमार व विजेंद्र चौधरी के बीच बातचीत के टेप का जिक्र भी करने की बात बतायी जा रही है, जिसमें बताया गया है कि विजेंद्र चौधरी निगरानी एसपी के कार्यालय में पहुंचे. उन्हें बातचीत की रिकॉर्डिग सुनायी गयी. रिकॉर्डिग सुनने के बाद उन्होंने अपनी आवाज की पुष्टि करने के बदले कहा, मैं अपने वकील से बातचीत करने के बाद इस संबंध में कुछ बताऊंगा. इसके बाद वे वापस चले गये.

वर्तमान व पूर्व मेयर समेत 26 नामजद अभियुक्त
किंग मेकर विजेंद्र चौधरी हैं मामले में आरोपित
2007 में मेयर चुनाव के दौरान का मामला
नोट लेकर वोट देने का पार्षदों पर आरोप
पूर्व डिप्टी मेयर निसारुद्दीन भी हैं नामजद

क्या था मामला
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने 2007 में निगरानी कोर्ट में नोट फॉर वोट का मामला दर्ज कराया था. इसमें मेयर की कुरसी के लिए में वार्ड पार्षदों का खरीद फरोख्त का आरोप लगाया गया था. इसमें कहा गया, वोट के लिए कई वार्ड पार्षदों को तीन से छह लाख रुपये तक दिये गये.

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