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माउस घुमाओ, पैसा कमाओ के नाम पर करोड़ों की ठगी

मुजफ्फरपुर: ऑनलाइन कमाई के चक्कर में शहर के एक हजार से ज्यादा लोग फिर ठगे गये हैं. इनसे ठगी की राशि करोड़ों में है, क्योंकि कंपनी की ओर से स्थानीय फ्रेंचाइजी को जो किस्त का चेक दिया गया था, वो 58 लाख से ज्यादा का है. कंपनी की ओर से लोगों को बरगलाने का काम..माउस […]

मुजफ्फरपुर: ऑनलाइन कमाई के चक्कर में शहर के एक हजार से ज्यादा लोग फिर ठगे गये हैं. इनसे ठगी की राशि करोड़ों में है, क्योंकि कंपनी की ओर से स्थानीय फ्रेंचाइजी को जो किस्त का चेक दिया गया था, वो 58 लाख से ज्यादा का है. कंपनी की ओर से लोगों को बरगलाने का काम..माउस घुमाओ, पैसा कमाओ..के नाम पर किया गया था.

इसमें किसी भी व्यक्ति को 13500 रुपये देकर कंपनी की यूजर आइडी हासिल करनी होती थी, जिसके बाद आइडी के जरिये कंपनी के पोर्टल पर सौ विज्ञापनों को देखना होता था. इसकी एवज में हर यूजर आइडी को महीने में तीन हजार रुपये देने का प्रलोभन दिया गया था. पृथ्वी यूटिलिटी प्राइवेट लिमिटेड नाम की ये कंपनी गुजरात में रजिस्टर हैं. वहीं वडोदरा में इसका मुख्यालय है.

लगभग आठ साल से ऑनलाइन काम करनेवाली पृथ्वी यूटिलिटी की ओर से फ्रेंचाइजी बनाने की काम किया जाता था. मुजफ्फरपुर में फ्रेंचाइजी राकेश शाही ने सीजेएम कोर्ट में इसको लेकर मामला दर्ज कराया है, जिसमें कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग सिंह चौहान, एएमडी मुकेश अग्रवाल व जीएम परमार को आरोपित बनाया गया है.

तब ठीक था काम

दस से अधिक यूजर आइडी लेकर काम करने वाले अहियापुर शेखपुर निवासी सुनील कुमार ने बताया, 2012 में कंपनी ने ऑनलाइन आइडी का काम शुरू किया था, जो अप्रैल 2013 तक ठीक-ठाक चल रहा था. इसके बाद अचानक पैसा आना बंद हो गया. इसके बाद कंपनी के पोर्टल पर संदेश आने लगा कि एमडी की तबीयत खराब है. इस वजह से परेशानी हो रही है. कुछ समय में सब कुछ ठीक हो गया है. कंपनी का सहयोग करें.

तीन हजार देने का झांसा

ऑनलाइन एड करने वाली पृथ्वी कंपनी ने टीआरपी बढ़ाने को लेकर लोगों को यूजर बनने का ऑफर दिया. इसके लिए आइडी की जरूरत होती है. एक वर्ष के रजिस्ट्रेशन के लिए कंपनी एक यूजर से 13,500 राशि जमा कराती थी. निबंधित हो जाने के बाद यूजर को कंपनी की साइट पर जाकर उनके सौ एड को क्लिक करना होता था. कंपनी इसके एवज में यूजर्स को प्रति महीने में तीन हजार रुपये देने का करार करती थी.

एक हजार बनी आइडी

कंपनी ने 2012 में जिले में ऑनलाइन कारोबार शुरू किया था. इस दौरान एक साल की अवधि में 450 लोगों ने एक हजार आइडी बनवाई. कई लोग दस आइडी तक बनवा कर कंपनी से जुड़े. एक यूजर आइडी के लिए 13,500 रुपये की राशि जमा करवाई गयी. इस तरह लोगों ने एक मोटी रकम कंपनी के खाते में जमा किया.

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