मुजफ्फरपुर: नौकरी लेने के लिए एक कलयुगी बेटा ने अपने पिता को मृत कर दिया. वह भी दो-दो बार. पांच वर्ष के अंतराल में उसने दो बार मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर फरजी तरीके से नौकरी लेने का प्रयास किया. इसके बाद भी उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया. कागजात की जांच के दौरान उसकी चोरी पकड़ी गयी और मामले का भंडाफोड़ हो गया. अब पूरे मामले की नये सिरे से जांच होगी.
कांटी निवासी हनीफ मियां चौकीदार के पद पर कार्यरत थे. उनकी मौत सेवा अवधि में ही 2003 में हो गयी थी. उनकी मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर पुत्र नइम ने नौकरी के लिए आवेदन दिया.
आवश्यक शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसकी फाइल भी क्लोज कर दी गयी. मगर नइम ने हार नहीं मानी. उसने जब देखा कि नौकरी हाथ से निकल जायेगी तो फर्जीवाड़ा का रास्ता अख्तियार कर लिया.
उसने पांच साल बाद 2008 में दुबारा नौकरी के लिए जिला स्थापना विभाग में आवेदन दिया. इसके लिए फरजी तरीके से पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया. शैक्षणिक योग्यता प्रमाणित करने के लिए जाली सर्टिफिकेट बनवाया. नइम ने अपने उम्र को आठ वर्ष कम करते हुए नौकरी के लिए आवेदन दिया. मगर उसकी किस्मत में नौकरी नहीं थी. कागजातों के जांच के दौरान शक होने पर पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया. अब इस पूरे मामले की जांच नये सिरे से की जायेगी.