मुजफ्फरपुर: मैट्रिक तक पढाई करने वाला सुमन श्रीवास्तव उर्फ सुधांशु 12 साल से अपराध जगत में सक्रिय था. दीपक सिंह के गैंग में शामिल होकर उसने कई वारदात को अंजाम दिया. लंबे अरसे तक जेल में रहने के बाद वह बाहर आया था. अपने दोस्त पवन भगत के साथ कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है. अपने स्वीकारोक्ति बयान में उसने बताया है कि 12 साल पूर्व ही अपने दोस्त पवन के साथ दीपक के गैंग में शामिल हो गया था.
2001 में वह पहली बार अपहरण के मामले में जेल गया. दो साल के अंतराल पर वह जेल से बाहर आया था. उसके बाद वह बालूघाट में बाइक लूट की घटना को अंजाम दिया था, लेकिन ब्रrापुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कबाड़ व्यवसायी से रंगदारी मामले पर कहा कि पांच-दिन पूर्व ही प्लान बना कर चंदन भगत, दिलीप भगत के साथ उसके गोदाम पर गया था, लेकिन उसने पैसे देने से इनकार कर दिया. यह सुन कर उसके गिरोह के लोगों ने मिठ्ठ गैंग से संपर्क साधा.
मंगलवार की सुबह ही पवन भगत, चंदन , दिलीप, मनोज भगत, विपिन सिंह, पप्पू सहनी, मंजय पासवान, संतोष, मिठ्ठू, टॉफी राय सहित करीब 20 लोग विनोद जायसवाल के गोदाम पर पहुंच गये थे. पैसे नहीं देने पर विनोद के साथ मारपीट की गयी. इसी बीच उसका स्टाफ विनय बचाने आ गया, तभी चंदन ने व्यवसायी पर गोली चला दी, जो जाकर मुंशी को लग गयी. व्यवसायी के फायरिंग करने पर वे लोग भाग चले. इस पूरे घटना में पवन भी शामिल था.
हत्या मामले में तीन गये जेल
कबाड़ व्यवसायी विनोद जायसवाल के मुंशी विनय मिश्र के हत्या मामले में पकड़े गये तीन अभियुक्त को पुलिस ने जेल भेज दिया.
मंगलवार को ही पुलिस टीम ने छापेमारी कर पवन भगत के पिता पारस भगत, सुधाशुं उर्फ सुमन श्रीवास्तव व अमित उर्फ पप्पू सहनी को गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ के बाद गुरुवार को तीनों को जेल भेजा गया है.
जख्मी अपराधी चिह्न्ति
व्यवसायी के गोली से जख्मी अपराधी को चिह्ति कर लिया गया है. हालांकि पुलिस उसके नाम का खुलासा करने से परहेज कर रही है. गुरुवार को उसके छोटे भाई को से पुलिस ने पूछताछ की . यहां बता दें कि मंगलवार को व्यवसायी ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायर की थी, जिसमें एक युवक जख्मी हो गया था.