सरैया. प्राकृत जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान बासोकुंड में मंगलवार को आचार्य कुन्द-कुन्द व्याख्यान माला का आयोजन कया गया. इसके मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त व मोहन लाल सुखरिया विवि उदयपुर राजस्थान के पूर्व डीन डा. प्रेम सुमन जैन थे. उन्होंने कहा कि आचार्य कुन्द-कुन्द ने अनेक ग्रंथों की रचना कर जीवन के सभी दर्शनों एवं जीने की कला की सीख दी. उन्होंने कहा कि आचार्य के बताये रास्ते पर चल कर मनुष्य शांतिपूर्ण जीवन निर्वाह कर सकता है. उन्होंने जैन दर्शन पर भी व्याख्यान दिया. मुख्य वक्त मोहन लाल सुखरिया विवि उदयपुर राजस्थान के पूर्व व्याख्याता डॉ सरोज जैन ने कहा कि आचार्य कुन्द-कुन्द ने जीवन को सार्थक व सुगम बनाने का रास्ता दिखाया. वहीं एमपी सिन्हा साईंस कॉलेज के पूर्व व्याख्याता डॉ अरविंद अमरेंद्र ठाकुर ने कहा कि आचार्य कुन्-कुन्द अपने ग्रंथों में जीन जीन नियमों को बताया है व सभी वेदों व उपनिषदों में मौजूद है. हमें उनके प्रति सार्थक सोच रखने की आवश्यकता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के निदेशक डॉ ऋषभ चंद जैन फौजदार ने कहा कि आचार्य कुन्द-कुन्द ने 84 ग्रंथों की रचना कर जीवन मात्र के कल्याण का रास्ता दिखाया. हमें उनका अनुकरण करना चाहिए. व्याख्यानमाला में मंगलाचरण व संचालन संस्था के व्याख्याता डॉ मंजूवाला ने की. मौके पर संस्थान के शोधार्थी छात्र, कर्मचारी व काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.
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सरैया में आचार्य कुन्द-कुन्द व्याख्यान का आयोजन
सरैया. प्राकृत जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान बासोकुंड में मंगलवार को आचार्य कुन्द-कुन्द व्याख्यान माला का आयोजन कया गया. इसके मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त व मोहन लाल सुखरिया विवि उदयपुर राजस्थान के पूर्व डीन डा. प्रेम सुमन जैन थे. उन्होंने कहा कि आचार्य कुन्द-कुन्द ने अनेक ग्रंथों की रचना कर जीवन के सभी […]
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