मुजफ्फरपुर : मारवाड़ी युवा मंच की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचक पं.राधेश्याम जोशी ने श्रीकृष्ण की महालीलाओं का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने आठ राजकुमारियों से शादी की, जो उनकी महापटरानी कहलायीं. उसके बाद श्रीकृष्ण ने भोमासुर को मार कर उनकी जेल में बंद 16 हजार 100 कन्याओं को मुक्त कराया.
फिर उन्होंने सभी कन्याओं से शादी की. उन्होंने 16 हजार 100 रुप धारण कर सभी राजकुमारियों के साथ गृहस्थ जीवन व्यतीत किया. पं.शास्त्री ने कहा कि आजकल लोग मंदिरों व धर्मशालाओं का धन हड़प रहे हैं. यह धन विष के समान होता है. मरने के बाद व्यक्ति को साठ हजार वर्षों तक नरकों में कीड़े बन कर रहना पड़ता है और कष्ट पाता है.
उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के भाव के भूखे हैं. भगवान राजा युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में पधारे हुए ब्राह्मणों के पैर धोये व उनकी जूठी पत्तलों को उठाया. कथा के दौरान सबसे ऊंची प्रेम सगाई, दुर्योधन के मेवा त्यागी, शाक्त बिदुर द्बार खड़े, सबसे ऊंची प्रेम लगाई भजनों पर लोग झूम उठे.
कथा के समापन के मौके पर सभी भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. सात दिनों से चल रहे भागवत कथा में पवन ढंढारिया, गोविंद ढंढारिया, संजय अग्रवाल, संजय जगनानी, आयुष बंका, नीतेश शिवानीवाला, जगरनाथ प्रसाद, मंच के अध्यक्ष विवेक अग्रवाल, श्री राणी सती मंदिर के सदस्य सुमित चमडि़या, मनोज केजरीवाल सहित कई लोगों की भूमिका रही.