मुजफ्फरपुर: माओवादी के भय से थाने में पुलिस दुबकी रही. थानेदार सहित अधिकांश पुलिस थाना छोड़ कर गायब थे. नक्सली हमले की बार-बार सूचना मिलने के बाद भी पुलिस माधोपुर हजारी नहीं पहुंची. थाना के मेन गेट में ताला लगा दिया गया और कैंपस में अंधेरा छाया हुआ था. जो पुलिस के जवान थाने में थे, वे भी थाने के पीछे दुबके हुए थे. थाना में चौकीदार अरविंद कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी.
रविवार की रात करीब सवा ग्यारह बजे जब प्रभात खबर की टीम थाना पर पहुंची. थाना के गेट में ताला लगा देख अंदर एक तस्वीर ली, जिसके बाद सहमते हुए चौकीदार कंबल ओढ़े गेट तक पहुंचा. गेट के अंदर से ही बोला यहां कोई साहब नहीं है. जब यह पूछा गया कि थाना पर और कौन लोग हैं तो बताया सभी लोग बाहर गये हैं. चौकीदार ने अपना नाम अरविंद कुमार बताया. थोड़ी देर बाद उसने बताया कि अंदर में पांच छह जवान है. कुछ साहब लोग यहां आये थे और वे फिर चले गये. लेकिन चौकीदार यह नहीं बता पाया कि थाना पर कौन-कौन अधिकारी आये थे. थानाध्यक्ष नीरज कुमार यादव के बारे में पूछे जाने पर बताया कि वे भी थाना पर नहीं है.
थाना का दृश्य देखने से यह लग रहा था कि यहां पुलिस रहती ही नहीं है. कैंपस में पूरा अंधेरा छाया हुआ था. हालांकि थाना के कमरे से रोशनी आ रही थी. हालांकि करीब दस बजे एएसपी अभियान राणा ब्रजेश, सरैया डीएसपी संजय कुमार व एसएसबी के अधिकारी राजेश कुमार साहेबगंज थाना पर गये थे. लेकिन सभी अधिकारी थाना से ही वापस लौट गये. घटना स्थल पर कोई भी अधिकारी नहीं जा सके.
शुक्रवार को हुआ था फ्लैग मार्च
मुजफ्फरपुर : एसपी सिंगला कंपनी से बार-बार लेवी मांगे जाने के सूचना के बाद शुक्रवार को बंगरा घाट पुल पर व उसके आसपास के इलाकों में एएसपी अभियान राणा ब्रजेश के नेतृत्व में एसएसबी, सैप व चिता दस्ता के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला था. कैंप पर करीब एक दर्जन सैप जवान को भी शुक्रवार की शाम तैनात कर दिया गया. लेकिन शनिवार की सुबह ही वहां तैनात सैप जवान वापस चले गये. पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि प्रहार सोहासी गांव में छुपा हुआ है.