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वरदान साबित हो सकती है ऑडियो तकनीक

मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज के निरीक्षण के लिए आयी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की तीन सदस्यीय पियर टीम ने दूसरे दिन कला संकाय के विभिन्न विभागों का आकलन किया. इस दौरान विभागों द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रजेंटेशन को भी देखा. इसी कड़ी में एलएससी साइट (योग्यतावर्धन इकाई) में नेत्रहीन छात्रों की पढ़ाई के लिए […]

मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज के निरीक्षण के लिए आयी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की तीन सदस्यीय पियर टीम ने दूसरे दिन कला संकाय के विभिन्न विभागों का आकलन किया.

इस दौरान विभागों द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रजेंटेशन को भी देखा. इसी कड़ी में एलएससी साइट (योग्यतावर्धन इकाई) में नेत्रहीन छात्रों की पढ़ाई के लिए संस्कृत विभाग की प्राध्यापिका डॉ संगीता अग्रवाल द्वारा तैयार प्रजेंटेशन देख टीम दंग रह गयी.

टीम लीडर पश्चिम बंगाल के कल्याणी विवि के पूर्व कुलपति डॉ अरविंद कुमार दास ने कहा कि बहुत अच्छा. इस तकनीक को पूरे देश के उन तमाम शैक्षणिक संस्थानों में होना चाहिए, जहां नेत्रहीन छात्र-छात्रएं पढ़ते हैं. इस तकनीक के सहारे स्नातक प्रतिष्ठा (राजनीति विज्ञान) उत्तीर्ण कर नौकरी कर रहे कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र ओम प्रकाश चौरसिया से पूछताछ भी की. ओम प्रकाश ने बताया कि सर, हम नेत्रहीन जरूर है, लेकिन प्रतिभा हम में भी है. एलएस कॉलेज में ब्रेल लिपि का तकनीक नेत्रहीन छात्रों के लिए नजीर है. मैंने इसी के सहारे स्नातक प्रतिष्ठा कर भगवानपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक की नौकरी कर रहा हूं. प्राध्यापिका डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक से छात्रों को ब्रेल लिपि की मोटी-मोटी पुस्तकों को ढोने से छुटकारा मिल जाती है. चूंकि, यह ऑडियो सीडी है जिसे लैपटॉप में लोड कर छात्र कहीं भी रह कर अपने कोर्स की तैयारी कर सकता है.

टीम ने होम फॉर दि हॉमलेस को देखा

एलएस कॉलेज का मूल्यांकन करने आयी नैक टीम ने होम फॉर दि होमलेस मिडिल स्कूल का भी निरीक्षण किया. दरअसल शिक्षा विभाग के इस स्कूल को जनवरी 2014 में एलएस कॉलेज ने गोद लिया था. उसमें पदस्थापित शिक्षकों के अलावा इस कॉलेज द्वारा भी छात्रों को पठन-पाठन कार्य कराया जाता है. कॉलेज प्रशासन ने स्कूल परिसर में मिट्टी भरवाने और मोटर लगवाने का काम भी किया है. साथ ही बच्चों को स्वेटर भी दिया है. टीम ने बच्चों के बीच जाकर कई सवाल किये. अपने-अपने तरीके से बच्चों ने उसका जवाब दिया. बच्चे फर्श पर बैठे थे. इस पर टीम ने कॉलेज के प्राचार्य को दरी मुहैया कराने को कहा.

नैक की टीम ने कला संकाय के एक-एक विभागों का निरीक्षण किया. इस दौरान अर्थशास्त्र, भूगोल, कॉमर्स, अंग्रेजी, हिंदी, राजनीति विज्ञान, इतिहास, बीबीए,भोजपुरी, उर्दू, मनोविज्ञान आदि विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रजेंटेशन को गंभीरता से देखा. कई विभागों के प्रजेंटेशन पर प्रसन्नता जाहिर किया. इतिहास विभाग में कॉलेज के स्थापना काल से लेकर अब तक के महत्वपूर्ण अभिलेख संग्रह प्रदर्शनी ने टीम को अपनी ओर खासे आकर्षित किया. टीम में पूर्व कुलपति डॉ दास के अलावा जयपुर विवि राजस्थान के कॉमर्स विभागाध्यक्ष डॉ एमसी शर्मा व चौधरी ईश्वर कन्या महाविद्यालय, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) की पूर्व प्राचार्या डॉ किरण कला जैन शामिल हैं. मौके पर प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, नैक को-ऑर्डिनेटर डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह, डॉ अशोक अंशुमन, डॉ संजीत कुमार आदि मौजूद थे.

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