मुजफ्फरपुर: जीरोमाइल चौक पर वसूली करनेवालों का राज है. यह चौक अवैध वसूली का बड़ा केंद्र बना हुआ है. दिन दहाड़े वसूली करनेवाले अवैध रुपये ले रहे हैं, लेकिन इन पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है. यदि प्रशासन को इस संबंध में जानकारी नहीं है, तो ये किसको पता करना है? जो लोग इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं, उन्हें दबा दिया जाता है.
फुटपाथी दुकानदारों से वसूली के साथ ही बैरिया बस पड़ाव के नाम पर भी यहां रुपये लिये जाते हैं, जो वाहन चौक के आसपास से खुलते हैं. या फिर बाहर से आने-जाने के क्रम में रुकते हैं. उन्हें टोकन थमा कर पैसा लिया जाता है. इसकी एवज में इन्हें बैरिया बस पड़ाव का टोकन दिया जाता है. इस पर बजाप्ता टोकन का नंबर व दिनांक चढ़ाया जाता है. गाड़ी का आधा-अधूरा नंबर भी अंकित किया जाता है, ताकि दूसरे दिन वसूली में कोई हेराफेरी नहीं कर सके. चौक से प्रतिदिन विभिन्न रुटों के लिए करीब 1300 ऑटो, 150 से अधिक चार-चक्का वाहन व 50 से अधिक बसे खुलती हैं. इसके अलावा चौक से होकर बाहर आने-जाने वाले वाहनों के रुकने पर वसूली की जाती है.
समय फेल होने पर जुर्माना
टोकन पर व्यवस्थापक का नाम भी लिखा हुआ है. जिसमें यह अल्टीमेटम भी लिखा गया है कि दोपहर 12 बजे तक कूपन नहीं लेने पर जुर्माना लगेगा. कूपन नहीं लेने पर जुर्माना लिया भी जाता है. जिस कूपन की कीमत आठ रुपया है. निर्धारित समय फेल होने पर उससे सात रुपया अधिक लिया जाता है.
भय से देते हैं पैसे
वाहन चालक भी जानते हैं कि बैरिया बस पड़ाव के अंदर ही यह पार्किग शुल्क लेना है. पड़ाव के बाहर सामने की सड़क भी पैसे नहीं वसूले जा सकते. फिर भी वे भय के कारण जीरो माइल चौक भी पैसा दे देते हैं, जो पैसा देने में आनाकानी करते है. उनके साथ साथ बदसलूकी की जाती है. इसके भय से वे मुंह नहीं खोलते, जब इस संबंध में कुछ ऑटो चालकों से बात की गयी, तो उन्होंने बताया चौक पर चार लोग टोकन लेकर खड़े रहते हैं. जैसे ही यहां कोई वाहन पहुंचता है. वैसे ही रसीद थमा दिया जाता है. पैसा देने में थोड़ा भी लेट होने पर उन्हें अपमानित होना पड़ता है. एक ऑटो चालक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आठ रुपया बैरिया बस पड़ाव के नाम पर, 10 रुपया पार्किग शुल्क व पांच रुपया संघ का शुल्क उनलोगों को देना पड़ता है, जबकि चार चक्का वाहनों से बैरिया बस पड़ाव समिति के नाम पर 18 रुपया व छह चक्का वाहनों से 24 रुपया लिया जाता है. सुबह से ही चार लोग टिकट ले कर चक्कर लगाते रहते है. उन्हें देखते ही यहां पर वाहन चालक पहले से ही हाथ में पैसा लेकर तैयार रहते हैं. रसीद के साथ उन्हें पैसा थमा दिया जाता है.