मुजफ्फरपुर: न्यूजलपाईगुड़ी से मुक्त कराये गये बाल मजदूरों ने बताया कि उनको राजस्थान के होटल व ढाबा में काम कराने के लिए ले जाया जा रहा था. उनको छठ के बाद से ही जाने के बारे में सभी जानकारी ले ली गयी थी. गांव के ही कई लोग हमारे संपर्क में रहते थे. वहां पर काम करने के बदले कुछ रुपये ही मिलते हैं.
शाम के 4.30 बज रहे थे. प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर पुलिस के जवान जमा हो रहे थे. जंकशन पर गाड़ी संख्या 12523 न्यूजलपाईगुड़ी से नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन पकड़ने वाली यात्री समझ नहीं पा रहे थे कि पुलिस जमा क्यों हो रहे है. शाम के 5 बजे ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही जीआरपी व आरपीएफ के जवान बोगी में छापेमारी करने लगे. बोगी में बैठे छोटे बच्चों को एक एक कर उतारा जाने लगा. बोगी में बैठे अन्य यात्री पुलिस की छापेमारी करते देख सहम से गये थे. हर यात्री यही जानने की कोशिश कर रहा था कि बच्चों को ट्रेन से उतारा क्यों जा रहा है. इस बीच कुछ यात्रियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन उन्हें जब बताया गया कि बच्चों को बाल मजदूरी कराने ले जाया जा रहा है. तब यात्री शांत हुए.
ट्रेन रोकी गयी
सामान्य बोगी में खचाखच भीड़ थी. उसी में बच्चों को खींच कर उतारा जा रहा था. इसी बीच बच्चे बोगी में खुद को बचाने की कोशिश भी कर रहे थे. कुछ बच्चे खुद को इसी जंकशन पर सवार होने की बात भी बाल रहे थे. छापेमारी के दौरान ही ट्रेन खुल गयी फिर ट्रेन को विशेष तौर पर रोका गया. इस दौरान किसी को इन बोगियों में चढ़ने भी नहीं दिया गया.