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बूढ़ी गंडक में कूदी युवती

मुजफ्फरपुर: अखाड़ाघाट पुल से शुक्रवार की दोपहर में एक युवती ने कूद कर जान दे दी. युवती की पहचान बालू घाट निवासी केदार लाल कर्ण की दूसरी पुत्री परिणीता पल्लवी उर्फ भावना के रूप में की गयी है. बताया जाता है कि दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब एक साइकिल सवार युवती अखाड़ाघाट पुल पर […]

मुजफ्फरपुर: अखाड़ाघाट पुल से शुक्रवार की दोपहर में एक युवती ने कूद कर जान दे दी. युवती की पहचान बालू घाट निवासी केदार लाल कर्ण की दूसरी पुत्री परिणीता पल्लवी उर्फ भावना के रूप में की गयी है.

बताया जाता है कि दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब एक साइकिल सवार युवती अखाड़ाघाट पुल पर जीरो माइल की ओर से पहुंची. युवती साइकिल को पुल की रेलिंग पर लगा बैग के साथ नदी में कूद पड़ी. प्रत्यक्षदर्शी शोर मचाने लगे. लोगों ने मामले की जानकारी गश्ती दल के एएसआइ को दी. इसके बाद मुशहरी सीओ रंभू ठाकुर, नगर थानेदार व वार्ड पार्षद दीपू सहनी मौके पर पहुंचे. स्थानीय मछुआरों को बुला कर परिणीता के लाश को खोजने का काम शुरू कर दिया. पांच घंटे बाद भी शव का पता नहीं चल सका.

मामला प्रेम प्रसंग का तो नहीं!

मृतका के बैग से पुलिस ने दो मोबाइल चाजर्र, तीन घड़ी के अलावा दर्जनों कागजात बरामद किया है. पुलिस मामले को आत्म हत्या के अलावा प्रेम प्रसंग से भी जोड़ देख रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह जीरो माइल किससे मिलने गयी थी. वह बालूघाट से जीरो माइल क्यू गयी थी. ऐसे कई सवालों को पुलिस सुलझाने में लगी है.

वार्ड पंद्रह के पार्षद पति दीपू सहनी उर्फ दीप चंद्र सहनी ने जिला प्रशासन से अखाड़ा घाट पुल पर जाली लगाने की मांग की है. उनका कहना था कि जाली लगने से उसके ऊपर से कोई नहीं कूद सकता. साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से आश्रम घाट को डेथ जोन घोषित करने की वकालत की.

बैग से हुई पहचान

बूढ़ी गंडक में छलांग लगा कर जान देने वाली युवती की पहचान उसके कॉलेज बैग से हुई. उसके डूबने के बाद बैग पानी में तैरने लगा, जिसे मछुआरों ने पानी से छान कर निकाला. बैग में रखे कागज पर उसके पिता केदार लाल कर्ण के कार्यालय का फोन नंबर मिला. इसके आधार पर नगर थानेदार ने कार्यालय में फोन कर मामले की जानकारी दी. केदार लाल को कार्यालय से घटना के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद वह घटना स्थल पहुंचे. उन्होंने अपनी बेटी का बैग पहचान लिया. केदार लाल कर्ण मुजफ्फरपुर स्थित एलआइसी ब्रांच दो में अभिकर्ता के तौर पर काम करते हैं.

सुबह साइकिल से कॉलेज के लिए निकली थी

पिता ने बताया कि वह एमडीडीएम कॉलेज की छात्र है. वह बीकॉम प्रथम वर्ष में पढ़ती है. रोज की तरह वह सुबह साइकिल से कॉलेज के लिए निकली थी. वह कल्याणी चौक पर एक विषय की कोचिंग भी करती है. फिर वहां से शाम में घर लौटती है.

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