मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में एक बार फिर अनियमितता का आरोप लगा है. सोमवार को सीनेटर हरेंद्र कुमार ने कुलपति डॉ रवि वर्मा को पत्र लिख कर निदेशालय में हो रहे भवन निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
उनके अनुसार निदेशालय ने बिल्डिंग कमेटी से मंजूरी के बाद भवन निर्माण का जिम्मा एक निजी एजेंसी को सौंप दिया. इस संबंध में एजेंसी से काम करने के बारे में सहमति भी मांगी गयी. एजेंसी ने इसके लिए शर्तो के साथ मंजूरी भी दे दी. पर बाद में बिना कारण बताये उक्त एजेंसी के निविदा को रद्द कर दिया गया.
निविदा की शर्त को नहीं पूरा कर रही थी एजेंसी
निदेशक डॉ गणोश कुमार ने निर्माण कार्य में किसी भी गड़बड़ी की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि बिल्डिंग कमेटी ने पूर्व के एजेंसी के पक्ष में निविदा जारी नहीं की थी, शर्तो के साथ कार्य करने के संबंध में सवाल किया था. इसके तहत एजेंसी को प्राक्कलित राशि से अधिकतम 10 प्रतिशत अधिक राशि में कार्य पूरा करने का शर्त रखा गया था. विवि के नियमों के तहत कुलपति प्राक्कलन राशि में अधिकतम 10 प्रतिशत की राशि की बढ़ा सकती है. अधिक राशि बढ़ाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है. पर एजेंसी ने टेंडर में ही बदलाव का शर्त रख दिया. उसका कहना था कि निर्माण में लकड़ी की जगह स्टील का प्रयोग किया जाये.
ऐसा करने पर प्राक्कलित राशि में खुद ब खुद कटौती हो रही थी. ऐसे में एजेंसी को कटौती के बाद प्राक्कलित राशि (10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ) में निर्माण कार्य पूरा करने की शर्त दिया गया. पर एजेंसी इसके लिए तैयार नहीं हुई. बाद में एडवाइजरी बोर्ड ने निर्माण कार्य विभागीय स्तर पर कराने का निर्णय लिया. कुलसचिव को इसका अध्यक्ष बनाया गया है. इसमें तीन इंजीनियर को भी शामिल किया गया है. निदेशालय के प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार इसके सचिव बनाये गये हैं.