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डिस्टेंस में अब प्रायोगिक विषय

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में सत्र 2014-15 में बीएड, एमफिल व 81 शॉर्ट टर्म कोर्स के साथ ही अब पहली बार परंपरागत कोर्स में प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई भी होगी. फिलहाल यह सुविधा सात विषयों में उपलब्ध है होगी. ये हैं, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल, भौतिकी, रसायन, जंतु विज्ञान व वनस्पति […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में सत्र 2014-15 में बीएड, एमफिल व 81 शॉर्ट टर्म कोर्स के साथ ही अब पहली बार परंपरागत कोर्स में प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई भी होगी.

फिलहाल यह सुविधा सात विषयों में उपलब्ध है होगी. ये हैं, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल, भौतिकी, रसायन, जंतु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान. इन विषयों में स्नातक के साथ-साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी होगी. फिलहाल इन विषयों की पढ़ाई निदेशालय के उन्हीं स्टडी सेंटर में होगी, जहां प्रायोगिक कक्षा की सुविधा उपलब्ध है. इसमें अधिकांश अंगीभूत व संबद्ध कॉलेज शामिल हैं. दोनों पाठय़क्रमों में शुल्क में किसी प्रकार की बढ़ोतरी भी नहीं की गयी है. गैर प्रायोगिक विषयों की तरह ही प्रायोगिक विषयों में भी स्नातक के लिए 3700 रुपये व स्नातकोत्तर के लिए चार हजार रुपये देय होंगे. नामांकन की प्रक्रिया जारी है. आखिरी तारीख 10 अक्तूबर निर्धारित है.

इससे पूर्व निदेशालय में स्नातक व स्नातकोत्तर में गैर प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई होती रही है. इस वर्ष एकेडमिक कौंसिल व एडवाइजरी बोर्ड ने पहली बार प्रायोगिक विषयों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति दे दी. पर समस्या प्रायोगिक क्लास को लेकर थी. इस बीच यूजीसी ने निदेशालय को अपने कार्यक्षेत्र में कहीं भी स्टडी सेंटर खोलने की अनुमति दी. इसके बाद निदेशालय ने पूरे सूबे से इच्छुक शिक्षण संस्थानों के लिए विज्ञापन निकाला. फिलहाल निदेशालय के कुल 39 स्टडी सेंटर हैं. इसमें एमडीडीएम सहित अन्य अंगीभूत व संबद्ध कॉलेज भी शामिल हैं. निदेशालय ने फिलहाल स्टडी सेंटर में ही प्रायोगिक विषयों में स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है.

निदेशालय में पहली बार प्रायोगिक विषयों में भी स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जायेगा. फिलहाल यह सुविधा उन्हीं स्टडी सेंटरों में होगी, जहां प्रायोगिक कक्षा की सुविधा उपलब्ध है. शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा.

ललन कुमार, प्रशासनिक अधिकारी, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

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