मुजफ्फरपुर: सिकंदरपुर स्थित खासमहाल की जमीन की मापी एक बार फिर मन के मैप की खोज में उलझ गया है. मन का पुराना मैप उपलब्ध नहीं होने के कारण पैमाइश का कार्य बीच में अटक हुआ था. फिलहाल राजस्व विभाग गुलजार बाग (पटना) से मैप आने का इंतजार है. इधर, मन के जमीन पर कब्जा व अतिक्रमण करने का खेल जारी है. कुछ दिनों पहले धोबीघाट (करबला) के पास मिट्टी भराई को लेकर विवाद हुआ था.
स्थानीय लोगों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का विरोध करते हुए मिट्टी भराई पर रोक लगा दिया था. लोगों ने राम एकबाल सिंह नाम के व्यक्ति पर सरकारी जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया था. इससे पहले भी इन पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगता आ रहा है. जमीन कब्जा के आरोप में मुशहरी अंचल के सीआई रंभू ठाकुर ने जनवरी 2013 में 12 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हुई.
फिर नहीं गाड़ा गया बांस बल्ला
खासमहाल की जमीन का घेराबंदी का मामला भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. मन स्थित खास महाल की जमीन को भूमाफियाओं से सुरक्षित रखने के लिए जिलाधिकारी ने घेराबंदी करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद मापी के दौरान जमीन को चिह्न्ति करने के लिए बांस पर पताका लगा कर कुछ स्थान पर सीमांकन किया गया, लेकिन अगले दिन भू माफियाओं ने प्रशासन को चुनौती देते हुए बांस बल्ला को उखाड़ फेंका. इसके बाद किसी स्थान पर न तो बांस बल्ला गाड़ा गया और न ही घेराबंदी की गयी. जिला प्रशासन के खास महाल रिकार्ड के अनुसार मन का कुल रकबा 93 एकड़ के करीब है.