मुजफ्फरपुर: नेपाल मानव तस्करी का बड़ा अड्डा है. पुलिस की सक्रियता से ही इसे रोका जा सकता है. यह बातें सोमवार को तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने कही.
वे माड़ीपुर स्थित एक होटल में दो दिवसीय मानव व्यापार निरोध व निवारण विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
कमजोर वर्ग, अपराध अन्वेषण व मुजफ्फरपुर जिला पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके पूर्व आयुक्त, डीएम अनुपम कुमार, डीआइजी एके मिश्र, एसएसपी जितेंद्र राणा, नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा, निगरानी एसपी अनिल कुमार सिंह, एएसपी मुख्यालय राजीव रंजन व एएसपी अभियान राणा ब्रजेश ने संयुक्त रूप से दीप जला कर कार्यशाला का शुभारंभ किया. डीएम ने कहा कि मानव तस्करी रोकने में मीडिया व पुलिस की संवेदनशीलता की आवश्यकता है. साथ ही कहा कि मीडिया में आ रही बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
पैसे की लालच में होती है तस्करी. एसएसपी ने कहा कि वर्तमान में बिहार मानव व्यापार के मामले में सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह माना जा रहा है. इससे पहले बांग्लादेश मानव व्यापार का सबसे बड़ा बाजार था, लेकिन बॉर्डर पर पुलिस की सक्रियता के कारण तस्कर अब बिहार, पश्चिमी बंगाल व पूर्वी उत्तर प्रदेश को मानव व्यापार का अड्डा बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि मानव व्यापार की कहानी सनहा दर्ज करने से शुरू हो जाती है. लोग लापता होने का सनहा थाना में दर्ज कराते हैं, लेकिन उसके बाद मामला ठप पड़ा जाता है.
मीडिया से भी लें जानकारी. इस तरह के मामले में मीडिया से जरूरी जानकारी एकत्र करें. इनके अलावा चौकीदारी परेड करायें. जनप्रतिनिधि, समाज सेवी संगठन, समाज सेवकों की मदद खुल कर लें.
इससे मामले की जड़ तक पुलिस को पहुंचने में आसानी होगी व मामला परत दर परत खुलता जायेगा. उन्होंने मोबाइल लोकेशन की जांच पर भी बल दिया. मौके पर जिला पुलिस की ओर से तमाम अधिकारी व पदाधिकारी उपस्थिति थे. इसके अलावा बिहार भक्ति आंदोलन के विमल पराशर व आनंद कुमार, विधिक प्राधिकार की सचिव संगीता शाही, जेजेबी सदस्य अर्चना अनुपम, बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक रोजी रानी सहित जिला के दर्जनों स्वयं सेवी संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए.