मुजफ्फरपुर: स्थान : बीआरए बिहार विवि का कुलपति चैंबर. दिन : शुक्रवार. समय : अपराह्न् 1:10 बजे. दो पीड़ित छात्र अपनी पीड़ा लेकर कुलपति से मिलने पहुंचते हैं. इसके लिए उन्हें देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ी थी. कुलपति डॉ पंडित पलांडे जब मुखातिब होते हैं तो छात्र रिजल्ट में गड़बड़ी की अपनी पीड़ा बयान करते हैं. कुलपति उनकी सुनते हैं और जवाब देते हैं कि परीक्षा नियंत्रक के पास जाइए. वहीं समस्या का समाधान होगा. दोनों छात्र फिर कहते हैं कि परीक्षा नियंत्रक सहित कई पदाधिकारियों से गुहार लगा चुका हूं. कोई हल नहीं हो सका. आप गलत अधिकारियों को पदस्थापित कर रखे हैं. इस पर कुलपति चौंक उठते हैं और नसीहत देते हैं कि परीक्षा नियंत्रक के पास ..!
शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब विवि में छात्र आंदोलित नहीं होते. विभिन्न समस्याओं को लेकर छात्रों का आंदोलन यहां रोजनामचा बन गया है. ऐसे में विभिन्न संवर्ग के लिपिकों का पौ बारह रहता है. कारण कि जैसे ही छात्र आंदोलित होते हैं, कार्यालयों में तालाबंदी हो जाती है जो उन लिपिकों के लिए बिन मांगे छुट्टी मिल जाती है. हर साल परीक्षा एवं परीक्षाफल संबंधी समस्याओं से सैकड़ों छात्र जूझते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. डॉ पलांडे के कुलपति बनने के बाद भी छात्र हित में कोई बेहतर निर्णय नहीं हो सका है.
इधर, कुछ दिनों से छात्रों की जद्दोजहद के बाद स्पेशल परीक्षा को हरी झंडी मिल गयी. मगर अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. टाल-मटोल रवैया के कारण के छात्र आंदोलित हुए. धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिये. उन्हें कार्रवाई का आश्वासन मिला. लेकिन परिणाम सार्थक नहीं दिख रहा. छात्रों में हतोत्साह की स्थिति इसलिए भी बनी है कि परीक्षा नियंत्रक जल्द ही अवकाश पर जाने वाले हैं, इससे वे कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रहे. नये परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है.
उधर, छात्र समागम के विवि अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह, रजनीश कुमार सिंह आदि का कहना है कि जब तक टेबुलेशन सिस्टम को ठीक नहीं किया जायेगा, तब तक ऐसा ही होता रहेगा. दोषपूर्ण टेबुलेशन सिस्टम यहां के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.