मुजफ्फरपुर: भाजपा विधायकों के साथ मिल कर जिले में बढ़ते अपराध के खिलाफ मुहिम चलानेवाले जदयू विधायकों को बड़ा झटका लगा है. पार्टी ने उनका साथ देने से इनकार कर दिया है. पार्टी का कहना है, जो विधायक ऐसा कर रहे हैं, वो सरकार की छवि को बदनाम करना चाहते हैं. वो निष्कासन के डर से भाजपा की गोद में जा बैठे हैं. उन्हें जनता की चिंता नहीं बल्कि अपने राजनीतिक वजूद की चिंता सता रही है.
दल विरोधी काम
जिले के जदयू व भाजपा विधायकों ने मंगलवार से बढ़ते अपराध व विकास को लेकर मुहिम चला रखी थी. विधायकों का कहना है, जिले में अपराध का बोलबाला हो गया है. इसको लेकर विधायकों ने मंगलवार को सर्किट हाउस में संयुक्त बैठक की. इसके बाद बुधवार को एसएसपी, डीएम, डीआइजी व आइजी से मुलाकात की थी. विधायकों की मुहिम के जिले के राजनीतिक पारा भी चढ़ गया है. जदयू के जिलाध्यक्ष डॉ अशोक शर्मा का कहना है, ये पूरी तरह से दल विरोधी काम है. इसी कारण से इन विधायकों पर निष्कासन की तलवार लटक रही थी. ये भी दल विरोधी मुहिम का हिस्सा है.
मंत्रियों का अलग राग
प्रदेश सरकार में जिले के विधायक मंत्री हैं. परिवहन मंत्री रमई राम कहते हैं, हम शहर से बाहर हैं. आते ही इस मुद्दे पर विधायकों से बात करेंगे. अगर विधायकों की मांग सही है, तो इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात की जायेगी. वहीं, लघु सिंचाई मंत्री मनोज कुशवाहा का कहना है, विकास के मामले में प्रदेश सरकार की ओर से बहुत काम किये गये हैं. केवल कुढ़नी क्षेत्र में तीस सौ करोड़ के विकास कार्य चल रहे हैं. अपराध नियंत्रण का काम प्रशासन का है, जो अपना काम कर रहा है.