मुजफ्फरपुर: उन बच्चों के दिये गये हैं जो एइएस से पूरी तरह स्वस्थ हो गये हैं. जब इनके परिजनों से दूरभाष के जरिये 10 जून को बात की गयी तो सभी ने स्वीकार किया कि बच्चों में विकलांगता का कोई लक्षण नहीं है. इन बच्चों के अलावा ठीक होने वाले अन्य बच्चे भी पूरी तरह सामान्य व स्वस्थ हैं. जबकि पिछले वर्ष तक इस बीमारी से मुक्त होने वाले बच्चों में मानसिक व शारीरिक विकलांगता कॉमन हुआ करती थी. कई बच्चों का एक पैर या एक हाथ सुन्न हो जाया करता था.
कई बच्चों में मानसिक विकलांगता के लक्षण दिखाई पड़ते थे. ऐसे बच्चे को अस्पताल से छुट्टी तो कर दी गयी, लेकिन उन्हें नियमित इलाज में रखने की सलाह दी गयी, लेकिन इस बार बीमारी का पूरी तरह सफाया हो रहा है. डॉक्टर इसे सुखद संयोग तो मान रहे हैं, लेकिन कारणों का पता नहीं चल सका है.
वायरस ने बदला अपना रूप
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस अपना रूप बदल लेता है. इसलिए जल्दी पहचान में नहीं आता. संभव है कि रूप बदलने के कारण उसके नतीजे में परिवर्तन हुआ हो. हालांकि इस पर अभी तक सर्वमान्य सहमति नहीं बनी है. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि जल्दी इलाज के कारण पीड़ित बच्चे वायरस से पूरी तरह मुक्त हो रहे हैं, जिन बच्चों को बीमार पड़ने के तुरंत बाद अस्पताल लाया गया. वे जल्दी ठीक हो गये. देर करने पर बच्चों को बचाना मुश्किल हो गया.