मुजफ्फरपुर. सुबह ग्यारह बजे जिलाधिकारी के कार्यालय में जैसे ही अधिकारियों व विधायकों की मुलाकात शुरू हुई, तो मामला एसएसपी जितेंद्र राणा पर आकर अटक गया. एसएसपी पर विधायकों ने सवालों की बौछार कर दी. इस पर एसएसपी ने भी अपने तेवर कड़े कर लिये और विधायकों को करारा जवाब देने लगे.
कुछ विधायकों ने कहा, आपके थानेदार बगैर पैसे के कोई काम नहीं करते हैं. यहां तक उनकी अपराधियों से साठगांठ है. इस पर एसएसपी ने कहा, हमारे पर कोई जादू की छड़ी नहीं है, जो हम तुरंत अपराध पर लगाम लगा दें. पूरे राज्य में अपराध हो रहा हैं. देश में घटनाएं घट रही हैं. एसएसपी का जवाब सुन कर विधायकों ने भी अपना तेवर कड़ा कर लिया. कहने लगे, आप ये बताइये, आपसे क्राइम कंट्रोल होगा या नहीं. हम लोगों के पास इस मुद्दे पर सड़क पर उतरने के अलावा कोई चारा नहीं है.
पूरे शहर का चक्का जाम कर देंगे. विधायकों के तल्ख तेवर के सामने एसएसपी नरम पड़े. मौके पर मौजूद डीएम अनुपम कुमार ने बीच-बचाव की कोशिश की. इसके बाद फिर से बात शुरू हुई. विधायकों की ओर से कहा गया, अपराधियों को पकड़ा नहीं जा रहा है. इसके नाम पर खानापूर्ति हो रही है. पुलिस ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रही है, जिनका उससे कोई लेना देना नहीं है. पुराने हथियार दिखा कर लोगों को जेल भेजा जा रहा है. विधायकों की ओर से कहा गया, अगर मामलों को उद्भेदन हो रहा है, तो लूट व डकैती के मामलों में अभी तक कितने सामान की बरामदगी हुई. इसका आपके पास क्या जवाब है? उधर, एसएसपी की ओर से कहा गया, हम मामलों को देख रहे हैं. घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम हो रहा है. इस दौरान उन्होंने पुलिस बल की कमी की भी बात बतायी.