मुजफ्फरपुर: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि देश में नीली क्रांति की शुरुआत हो गई है. मछली उत्पादकों को सरकार मछली का बेहतर किस्म का जीरा, चारा और बाजार उपलब्ध करायेगी. इसके लिए भारत मतस्य विकास बोर्ड को इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी की दी गई है, जिसकी शुरुआत भी हो गई है.
पहले चरण में बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण को इसके लिए चयन किया गया है. इन जिलों में एक-एक करोड़ की लागत से मछली बाजार स्थापित किया जायेगा. श्री सिंह शुक्रवार को रामदयालु में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जिलों के डीएम से एनओसी की मांग की गई है. दरभंगा के डीएम ने तो एनओसी दे भी दिया है.
राष्ट्रीय मतस्य विकास बोर्ड के अधिकारियों की टीम सव्रेक्षण भी शुरू कर दिया है. श्री सिंह ने कहा कि भारत मछली उत्पादन के क्षेत्र में विश्व का दूसरा देश है. इसे प्रथम स्थान पर लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. प्राकृतिक संसाधन की यहां कमी नहीं है. यहां नदी, तालाब, झील व चौर का सही उपयोग नहीं किया गया है. यहां दूसरे देशों से मछली पालन के लिए क्षेत्र अधिक है. 8118 किमी समुद्र तट व नदियों का क्षेत्र आता है. लेकिन उत्पादन क्षमता कम है, इस पर आज तक किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.
उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है ताकि भारत जल्दी मछली उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पा सके. इससे किसानों व देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. कृषि वैज्ञानिकों को कहा गया है कि वे कार्यालय छोड़कर खेतों की ओर रूख करे ताकि कृषि व मछली उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर काम हो सके. और किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध कर सके. प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष अरिवंद कुमार सिंह, देवांशु किशोर, अंजुरानी, रंजन साहू आदि उपस्थित थे.