मुजफ्फरपुर: एसएसपी जितेंद्र राणा ने रविवार को मासिक अपराध समीक्षा के दौरान बढ़ते अपराध पर इंस्पेक्टर व थानाध्यक्षों की जम कर क्लास ली. लंबित मामलों के निष्पादन में कोताही बरतने वाले छह इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मांग गयी है.
एसएसपी ने बताया कि जुलाई माह में क्राइम मीटिंग के दौरान सभी पदाधिकारी को अलग-अलग बिंदु पर टास्क दिये गये थे. लेकिन अगस्त माह में समीक्षा में मीनापुर अंचल की स्थिति सबसे लचर पायी है. हालांकि वहां के इंस्पेक्टर के लाइन हाजिर होने व डीएसपी पूर्वी का पद काफी समय तक खाली होने से ऐसा हुआ है. वही शहरी क्षेत्र के तीन थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर भी लंबित मामलों का निष्पादन का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाये है. नगर, सदर, अहियापुर, सकरा सहित छह सर्किल इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. वही एसएसपी ने बरियापुर थानाध्यक्ष पर विभागीय कार्रवाई का भी निर्देश दिया है.
पारू व सदर ए अंचल को केस का निष्पादन करने पर एसएसपी ने पुरस्कृत करने की बात भी कही है. इधर, जिले में बढ़ते आपराधिक वारदात पर भी कई थानाध्यक्षों की जम कर क्लास ली गयी है. शहर में बढ़ती चोरी पर लगाम लगाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में शटर टूटने की घटनाएं बढ़ी है. हर हाल में इस पर रोक लगना चाहिए. अब तक गंभीर कांड में दर्ज मामलों के उदभेदन के लिए डीएसपी व सर्किल इंस्पेक्टर को जिम्मेवारी दी गयी है. बैठक के दौरान एएसपी मुख्यालय राजीव रंजन, डीएसपी पश्चिमी अजय कुमार, डीएसपी सरैया संजय कुमार, डीएसपी पूर्वी सहित सभी इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष उपस्थित थे.
एक दर्जन दारोगा का वेतन बंद
केस लेकर फरार एक दर्जन दारोगा का वेतन बंद कर दिया गया है. बताया जाता है कि कथैया थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोरंजन कुमार को अविलंब एसआर केस का चार्ज सौंपने का निर्देश दिया गया है. वे कथैया में दर्ज 47 में से 42 एसआर केस के अनुसंधानक है. वे केस का चार्ज दिये ही सकरा में जेएसआइ की डयूटी कर रहे थे.