मुजफ्फरपुर: शिक्षा का अधिकार कानून कैसे लागू होगा. अब तक विद्यालयों में आरटीइ के मापदंड को ही पूरा नहीं किया गया है. स्कूलों के आवेदन पत्र शिक्षा विभाग के पास जमा है, लेकिन विद्यालयों का निबंधन नहीं हुआ है. सरकार को सूबे में पढ़ने वाले सभी छात्रों की वास्तविक संख्या का पता भी नहीं चल रहा है. विभागीय रिपोर्ट से यह स्थिति सामने आ रही है कि प्राइवेट स्कूलों को निबंधन करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रूचि नहीं है.
स्थिति केवल मुजफ्फरपुर की नहीं है. प्रमंडल के सभी जिलों की यह स्थिति है. प्रमंडल के सभी जिलों की रिपोर्ट मिलने के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार चौधरी ने विद्यालयों के निबंधन में तेजी लाने का निर्देश दिया है. स्कूलों का निबंधन नहीं होने से इन विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है.
निबंधन नहीं होने से बच्चों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं हो रहा है. इन प्राइवेट विद्यालयों के प्रमाण पत्र पर सरकारी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन नहीं हो रहा है. छात्रों को आगे की कक्षा में नामांकन के लिए निबंधन के बाद परेशानी नहीं होगी. मानक के अनुसार बच्चों का स्कूली माहौल मिलेगा. स्कूलों में मानक के अनुसार ही शिक्षक रहेंगे. विभाग ने टीइटी पास अभ्यर्थियों को ही निजी विद्यालयों में इंट्री का आदेश जारी कर चुका है.