मुजफ्फरपुर: बिजली विभाग बिना तार व पोल गाड़े बिजली बिल लोगों को थमा रहा है. घर में मीटर टांग कर बिल भेजने का यह खेल सरैया प्रखंड के खैरा गांव में हुआ है. बिना बिजली जलाये लोगों को पांच हजार तक का बिल जुलाई माह में भेजा गया है.
बिल की राशि देख गरीब परेशान हैं. हैरानी की बात यह है कि बिल पर 2012 का मीटर रीडिंग भी अंकित है. नागेंद्र साह को 4375, नागेश्वर भगत को 5113, अवधेश कुमार साह को 4301 व जयमंगल भगत को 2007 रुपये का बिल थमाया गया है. ग्रामीणों ने बिना बिजली के बिल को लेकर आक्रोशित हैं. परिवर्तनकारी जन संघर्ष मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि बीपीएल कनेक्शन के नाम पर इस तरह का खेल हो रहा है. बिना बिजली दिये ही गांव को विद्युती कृत की सूची में रख दिया जाता है. उधर, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के पदाधिकारी कनेक्शन की जांच किये बिजली बिल भेज देते हैं. इसी तरह की शिकायत सरैया के अन्य गांवों में भी है. इसमें सुधार नहीं किया जाता है तो जनता को श्यामा पावर व बिजली विभाग के विरोध में सड़क पर उतरना पड़ेगा.
बिजली संकट बरकरार, नहीं बढ़ा आवंटन : कांटी से ग्रिड आने वाली 132 केवीए लाइन के दूसरे सर्किट के रविवार को भी चालू नहीं होने से जिले में बिजली संकट बना हुआ है. भिखनपुरा ग्रिड को 45 व एसकेएमसीएच को 30 मेगावाट बिजली उपलब्ध करायी गयी. इस कारण भीखनपुरा से जुड़े फीडर को दो से चार घंटे के रोटेशन पर बिजली मिल रही है. बिजली की कटौती से उमस वाली गर्मी में लोगों को घर में रहना मुश्किल हो गया है. 24 घंटे में पांच से छह घंटे बिजली मिलने से इनवर्टर भी जवाब दे रहा है. भगवानपुर के आसपास के मुहल्ला में रविवार को पूरे दिन बिजली की आवाजाही लगी हुई थी. शहरी के मशिनरी मंडी जवाहर लाल रोड में भी सुबह से बत्ती गुल थी. देर शाम तक इस इलाके में बिजली का आना जाना लगा हुआ था.
स्थिति यह है कि पीक आवर में कई फीडर को बंद करना भी पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति तो और भी बदतर है. एस्सेल के पीआरओ आशिफ मसूद ने बताया कि बिजली के काफी कम आवंटन के बावजूद सभी इलाकों को बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि 132 केवीए लाइन के मेंटेनेंस के कारण 16 दिनों से लोगों को जबर्दस्त बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.