प्रेम, मुजफ्फरपुर
कृषि विभाग में खेती किसानी के उपकरण बांटने में अधिकारियों ने जम कर फर्जीवाड़ा किया है. किसानों को लाभ दिये बगैर साढ़े नौ करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया. यह खेल मुजफ्फरपुर समेत सूबे के नौ जिलों में हुआ है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाइ) के तहत किसानों को कृषि यंत्र नहीं दिया गया.
इसके बाद भी दुकानदारों व कृषि यंत्र तैयार करने वाली कंपनियों को अवैध भुगतान कर दिया गया. 9.31 करोड़ रुपये के गलत भुगतान का खुलासा महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर समेत नौ जिलों में अधिकारियों ने 9.31 करोड़ रुपये का गलत भुगतान कर दिया. वर्ष 2013 की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों व गलत भुगतान पाने वाले दुकानदारों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. सभी जिलों के अधिकारी व कर्मचारी ऑडिट आपत्तियों की लीपापोती में जुट गये हैं.
महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि विभाग ने कई जगह पर कृषि यंत्रों पर भुगतान कर दिया. लेकिन इसका कागज विभागीय रिकॉर्ड से गायब है. कई सिंचाई पंप सेट व कई कृषि यंत्रों पर नंबर भी नहीं था. कई जगह पर किसानों से बिना आवेदन लिए ही भुगतान कर दिया गया. विभाग ने कृषि यंत्रों के वितरण में कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया है.