मुजफ्फरपुर: ऑटो चालक के सीट पर सादे लिबास में बैठना बेतिया में तैनात इंस्पेक्टर राम नरेश प्रसाद को भारी पड़ गया. सोमवार की दोपहर अघोरिया बाजार चौक पर लगे जाम को देख काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष वेदानंद मिश्र ने उन्हें चालक समझ कर गाड़ी आगे बढ़ाने को कहा. इस पर राम नरेश प्रसाद ने अपना परिचय इंस्पेक्टर के रूप में दिया, जिस पर थानाध्यक्ष ने उन्हें थाने की जिप्सी पर बैठने को कहा. बीच सड़क पर ही दो इंस्पेक्टर के भिड़ने से मौके पर भीड़ लग गयी. आइजी ने पूरे मामले में तीन दिन के अंदर एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है.
जानकारी के अनुसार बेतिया जिले में तैनात इंस्पेक्टर राम नरेश प्रसाद बेला में रहते हैं. वह पांच दिनों से पटना में नारकोटिक्स की ट्रेनिंग ले रहे थे. सोमवार की दोपहर बेतिया जाने के लिए मिठनपुरा चौक से ऑटो पकड़े. अघोरिया बाजार के समीप ऑटो चालक के सीट पर वह अकेले ही बैठे थे. इसी बीच जाम लग जाने से वहां थानाध्यक्ष वेदानंद मिश्र पहुंचे. उन्होंने ऑटो के चालक सीट पर बैठा देख राम नरेश प्रसाद को गाड़ी आगे बढ़ाने को कहा. रामनरेश ने कहा कि चालक हम नहीं है. मैं भी बेतिया जिले में इंस्पेक्टर हूं. इस पर थानाध्यक्ष ने कार्ड दिखाने को कहा. राम नरेश प्रसाद का कहना था कि कार्ड दिखाने के बाद भी उसे थानाध्यक्ष ने जबरदस्ती जिप्सी पर बैठाने का निर्देश दिया.
उन्होंने थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया कि चालक सीट पर बैठे रहने के दौरान थानाध्यक्ष ने सिर का बाल खींच दिया था. यहीं नहीं, कार्ड दिखाने पर कहा कि मुजफ्फरपुर में सब लोग इंस्पेक्टर ही है. इसी बीच एसएसपी जितेंद्र राणा को पूरे मामले की जानकारी मिली. एसएसपी ने फौरन थानाध्यक्ष व राम नरेश प्रसाद को कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया. राम नरेश प्रसाद का कहना था कि काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष ने उनके साथ बदसलूकी की है. वे जोनल आइजी पारस नाथ से मिलने पहुंचे. उन्होंने आइजी से थानाध्यक्ष के व्यवहार की शिकायत की है. वे पूर्व में मुजफ्फरपुर के करजा सहित कई थाना के थानाध्यक्ष रह चुके हैं. इधर, थानाध्यक्ष वेदानंद मिश्र का कहना है कि जाम की सूचना पर वे अघोरिया बाजार गये थे. चालक सीट पर सादे लिबास में बैठे इंस्पेक्टर को देख वे नहीं समझ पाये. गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ है.