मुजफ्फरपुर/सरैया: जरबेरा फूल की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. 15 कट्ठा जमीन में खेती कर 10 लाख रुपये तक कमाया जा सकता है. जमीन सामान्य से ऊंचा हो. पानी नहीं लगे. पौधा पानी नहीं सहन कर सकता है. एक बार लगाया पौधा तीन वर्ष तक फूल देगा.
खेती में मदद की चिंता भी नहीं, उद्यान विभाग पूरा सहयोग करेगा. फूल को बेहतर सीजन मिला तो एक फूल सात से दस रुपये, ऑफ सीजन है तो एक फूल तीन रुपये तक बिक जायेगा. फूल का जितना लंबा डंटल होगा, उसकी कीमत उतनी अच्छी लगेगी. फूल का उपयोग मुख्य रू प से बड़े स्टेज को सजाने व बुके में किया जाता है. सरैया प्रखंड के भटौलिया स्थित एमबीआरआइ में संस्थान के निदेशक ने इस फूल की खेती पॉलीहाउस में की है.
जरबेरा फूल रोपने की विधि
जरबेरा का पौधा रोपने से पहले बेड बनाया जाता है. बेड में सड़ा हुआ गोबर, चार किलो प्रति कट्ठे डीएपी, दो किलो पोटाश, दो किलोग्राम फॉस्फेट, ढाई सौ ग्राम फोरेट का उपयोग करना बेहतर होगा. बेड को कीट व व्याधियों से मुक्ति के लिए बेबिस्टेड दवा का घोल तैयार कर झड़ना से ट्रीटमेंट करना अच्छा होगा. फरवरी के प्रथम सप्ताह में पौधा को लगाना है. हमेशा ध्यान रखना है कि बेड की मिट्टी भुरभूरी होनी चाहिए. 15 दिन पर एनपीके पानी में डाल कर टपक सिंचाई विधि से पौधे की जड़ में दिया जाता है. फूल के डंटल की लंबाई दो से तीन फीट तक होती है. जितना लंबा डंटल होगा, उतना अधिक पैसा बाजार में मिलेगा.
उद्यान विभाग से ली मदद
पहले उद्यान विभाग में इस फूल की खेती के लिए आवेदन दिया. जमीन के कागजात के आधार आवेदन पर विभागीय अधिकारी ने जगह को देखा. फिर सात कट्ठे में खेती के लिए दो लाख पचास हजार रुपये अनुदान की स्वीकृति दी. विभाग ने एक लाख 92 हजार रुपये का छह हजार पौधा उपलब्ध कराया. 58 हजार रुपये खेती के रखरखाव के लिए दिया गया. इसमें पहली किस्त 35 हजार रुपये मिल चुकी है.
खेती के लिए जरू री संसाधन
जरबेरा का पौधा एक बार लगाने पर तीन साल तक फूल देता है. लंबाई व चौड़ाई में पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर जरू री है. इस पौधे को धूप अधिक नहीं चाहिए. इसलिए पॉलीहाउस चाहिए. इसकी सिंचाई ड्रीप एरिगेशन व फौगर मशीन से संभव है. चूंकि पौधा अधिक पानी सहन नहीं करता है.
कई रंग के होते हैं जरबेरा फूल
जबरेला का फूल आठ रंगा है. लाल, हरा, नारंगी, पीला, उजला, गुलाबी, वायलेट, पर्पल रंग में उपलब्ध है. मुजफ्फरपुर के बाजार में प्रति फूल तीन रुपये मिल रहा है. लग्न में सात रुपये तक बिका है. साल में एक पौधे से तीस फूल निकलते हैं. सात कट्ठे में साल में एक लाख 80 हजार फूल निकलता है. लिहाजा, सात कट्ठा में वर्ष में पांच लाख चालीस हजार रुपये का फूल होता है. 50 हजार रुपये मेंटेनेंस पर चला जाता है. मुनाफा पांच लाख रुपये प्रति वर्ष होता है. जरबेरा में टिश्यू कल्चर का फूल बढ़िया होता है.
इसकी खेती काफी फायदेमंद है. पांच रुपये स्टीक (प्रति फूल) बिक जाता है. किसान को एक रुपये भी खेती में खर्च नहीं है. एक हजार वर्ग फीट में छह हजार पौधे चाहिए. विभाग पौधा देता है. निराई गुराई के लिए भी राशि दी
जाती है.
अशोक कुमार रावत, डीएचओ, मुजफ्फरपुर