मुजफ्फरपुर: एइएस से पीड़ित बच्चों को देखने एसकेएमसीएच पहुंचे भाजपा नेता सुशील मोदी ने उनका विरोध कर रहे लोगों से कहा, राज्य में हम सरकार में नहीं हैं. अतिक्रमण हटाया गया है, तो प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी. ऐसे अतिक्रमण नहीं हटाया जाना चाहिए था. हम आपकी आवाज को सरकार तक पहुंचायेंगे. मोदी जब ये बात विरोध कर रहे लोगों से कर रहे थे, तब अहियापुर थाने की पुलिस मौके पर मौजूद थी. साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा सुरक्षा बल भी वहां था, लेकिन कोई उनके बचाव को आगे नहीं आया.
हालात धीरे-धीरे बिगड़ रहे थे, लोग सुशील मोदी की बात मानने के लिए तैयार नहीं दिख रहे थे. वह लगातार अपनी बात रख रहे थे. विरोध करनेवालों में महिलाओं व युवकों की संख्या ज्यादा थी. वे जोर-जोर से अपनी बात कह रहे थे. स्थिति की गंभीरता को देख कर सुशील मोदी सड़क पर पैदल ही चलने लगे, क्योंकि अगर गाड़ियों का काफिला आगे बढ़ता, तो आक्रोशित लोग उसमें तोड़फोड़ शुरू कर देते. मोदी के साथ नंद किशोर यादव व स्थानीय भाजपा नेता भी चलने लगे. ये लोग सीतामढ़ी रोड की ओर जाने लगे, ताकि मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन पर पहुंच जायें. इस दौरान विरोध कर रहे लोग भी मोदी व अन्य लोगों के पीछे हो लिये. डंडों, झाड़ से लैस युवक व महिलाएं नारेबाजी करने लगीं. कुछ ने अतिक्रमण हटाने के दौरान गिरायी गयी झोपड़ी में आग लगा दी.
कुछ हवा में धूल उड़ाने लगे. कुछ महिलाएं झाड़ लेकर सुशील मोदी की ओर दौडीं, लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया. इसी दौरान एक सुरक्षा कर्मी को झाड़ लगी, लेकिन वह सुशील मोदी की सुरक्षा में लगा रहा. किसी तरह से बच कर सुशील मोदी व अन्य नेता फोरलेन की ओर जा रहे थे. इस दौरान स्थानीय पुलिस मौके से चली गयी. पुलिस ने किसी तरह की मदद नहीं की. वहीं लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था. एक युवक ने निशाना बना कर सुशील मोदी पर पानी की बोतल फेंकी, जो उनके काफी पास में गिरी, लेकिन मोदी को लगी नहीं. चिलचिलाती व उमस में भाजपा नेता फोरलेन की ओर बढ़ रहे थे. लगभग डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद सभी लोग फोरलेन पर पहुंचे. इस दौरान एसकेएमसीएच के पास स्थानीय पुलिस भी पहुंच गयी थी, जिसने लाठीचार्ज करके विरोध कर रहे लोगों को शांत करने की कोशिश की. साथ ही सुशील मोदी के काफिले की गाड़ियों को रास्ता बदल कर फोरलेन पर लाया गया, जहां से सुशील मोदी समेत अन्य नेता केजरीवाल अस्पताल के लिए रवाना हुये.
पीछे से खिसक गये सांसद व विधायक
जिस समय सुशील मोदी का स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे, तब स्थानीय सांसद अजय निषाद, विधायक वीणा देवी व अशोक सिंह एसकेएमसीएच में ही रहे. इन लोगों को विरोध के बारे में पता चल गया था. ये लोग अस्पताल में ही रहे. कुछ देर के बाद अस्पताल के पीछे के रास्ते मौके से खिसक गये. इन लोगों ने पार्टी नेताओं का हाल जानने की भी कोशिश नहीं. इन तीनों नेताओं के बारे में वहां मौजूद अन्य नेता चर्चा कर रहे थे.