मुजफ्फरपुर: काम में लापरवाही के आरोप में निलंबित सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अपने काम का सबूत विभाग के प्रधान सचिव को उपलब्ध करायेंगे. इसके लिए उन्होंने प्रधान सचिव से बात की है.
डॉ झा का कहना है, उन्होंने पूरी स्थिति के बारे में प्रधान सचिव के बताया है. डॉ झा ने जिस तरह का खुलासा किया है, उससे उनके व सिविल सजर्न के बीच के रिश्तों की तल्खी खुल कर सामने आ गयी है. अभी तक इस बात की चर्चा होती थी कि सिविल सजर्न व उपाधीक्षक के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, लेकिन उपाधीक्षक का कहना है, मेरे पास सिविल सजर्न के अवैध कामों का प्रमाण है.
डॉ झा ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए वे लगातार सीएस को पत्र लिखते रहे, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कोई काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव से उनकी बात हुई है. उन्होंने सारे तथ्यों से उन्हें अवगत करा दिया है. वे सबूत के तौर पर कागजात के साथ उनसे मिलेंगे. इससे पहले जब गुरुवार को उपाधीक्षक को निलंबित किये जाने का मामला सामने आया था, तब सिविल सजर्न ने कहा था, उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. सदर अस्पताल की व्यवस्था कैसी है. इसका नजारा उस दिन देखने को मिला था, जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, तब इमरजेंसी तक में डॉक्टर नहीं मिले थे. वार्डो में सात दिनों से बेड़ों के चादर नहीं बदले गये थे. सीएम के सवालों का सीएस जवाब नहीं दे सकते थे.