मुजफ्फरपुर: कथैया थाना के हरपुर ग्राम निवासी शंभु कुमार मांझी के पुत्र मिथिलेश कुमार मांझी (15) की हत्या मामले को प्रमंडलीय आयुक्त ने गंभीरता से लिया है. तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने पूरे मामले की जांच पुलिस के वरीय अधिकारी को करने के साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में कथैया थाना प्रभारी मनोरंजन कुमार पर एससी/एसटी थाना में एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है.
थानाध्यक्ष पर अनुसूचित जाति/जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-4 के तहत जिला कल्याण पदाधिकारी को एफआइआर दर्ज कराने को कहा गया है. वहीं पीड़ित परिवार को सरकार से मिलने वाली सहायता राशि को अविलंब उपलब्ध कराने को कहा गया है.
तीस मई की हुई थी हत्या
मिथिलेश मांझी की हत्या तीस मई (शुक्रवार) की सुबह गांव के ही कुछ दबंगों ने भैंस चराने एवं उसपर बैठने के विवाद को लेकर कर दी थी. मामले की जब एफआइआर दर्ज करायी गयी तो उसमें थानाध्यक्ष ने अनुसूचित जाति/जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा नहीं लगाया. इससे पीड़ित परिवार के सदस्य सरकार से मिलने वाली सहायता राशि से वंचित हो गया.
गांव के ही कुछ लोग इसकी शिकायत लेकर कमिश्नर के यहां पहुंचे. इसके बाद आयुक्त ने थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिया. आयुक्त ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति के अंतर्गत मांझी जाति सबसे कमजोर वर्ग में आता है. इस परिस्थिति में सरकार की ओर से शव के पोस्टमार्टम के तुरंत बाद 1,87,500 रुपये अनुदान (सहायता राशि) देने का प्रावधान है, लेकिन एफआइआर में एससी/एसटी का धारा नहीं लगने के कारण मिथिलेश कुमार मांझी के परिवार को इसका लाभ नहीं मिल सका. आयुक्त ने कहा कि जांच में कथैया थानाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध और हत्या करने वाले दबंगों को बचाने वाली प्रतीत हो रही है.