मुजफ्फरपुर : शहर के विकास के मुद्दे पर बुलायी गयी बैठक में विवाद के बाद नगर आयुक्त संजय दूबे के बीच मीटिंग से निकल जाने के बाद मेयर सुरेश कुमार व डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के नेतृत्व में सभी पार्षद पैदल मार्च करते हुए मिठनपुरा थाना पहुंचे. इस दौरान पार्षद नगर आयुक्त के खिलाफ तीखी […]
मुजफ्फरपुर : शहर के विकास के मुद्दे पर बुलायी गयी बैठक में विवाद के बाद नगर आयुक्त संजय दूबे के बीच मीटिंग से निकल जाने के बाद मेयर सुरेश कुमार व डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के नेतृत्व में सभी पार्षद पैदल मार्च करते हुए मिठनपुरा थाना पहुंचे. इस दौरान पार्षद नगर आयुक्त के खिलाफ तीखी नारेबाजी कर रहे थे. थाने में अनुसूचित जाति के वार्ड नंबर 45 के पार्षद शिवशंकर महतो व वार्ड नंबर 32 की महिला पार्षद गीता देवी ने नगर आयुक्त पर मीटिंग के दौरान जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने व देख लेने की धमकी देने से संबंधित आवेदन दिया है.
आवेदन में नगर आयुक्त पर नगरपालिका एक्ट के विरुद्ध काम करने व बोर्ड में लिये गये निर्णयों से छेड़छाड़ करने की बात दर्ज है. आवेदन पर बतौर गवाह मेयर, डिप्टी मेयर समेत 38 पार्षदों के नाम व हस्ताक्षर हैं.
पटना गये नगर आयुक्त, प्रधान सचिव से की शिकायत : हंगामा के बाद नगर आयुक्त मुख्यालय के वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराते हुए पटना रवाना हो गये. उन्होंने नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा के साथ विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद से मिल कर पूरे घटनाक्रम को बताया. सूत्रों के मुताबिक, दूबे ने विभाग से कहा है कि वर्तमान माहौल में मुजफ्फरपुर नगर निगम में वे काम नहीं कर सकते हैं. खुद पर मीटिंग के दौरान जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए वह बिहार प्रदेश आईएएस एसोसिएशन व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलनेवाले हैं.
क्या कहते हैं मेयर-डिप्टी मेयर
नगर आयुक्त मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. मेयर की बिना सहमति के कई निर्णय लिये हैं, जो शहर के हित में नहीं है. कोई भी बात कहने पर वे सीधे मंत्री व प्रधान सचिव का हवाला देकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं. उनकी कार्यशैली सही नहीं है.
सुरेश कुमार, मेयर
हम शांतिपूर्ण तरीके से बोर्ड की मीटिंग के दौरान शहर की समस्याओं को उठा रहे थे. वे सार्वजनिक रूप से मुझे बोलने से रोकने लगे. मैं वार्ड पार्षद के साथ शहर का डिप्टी मेयर हूं. मुझे शहर के सभी वार्डों की समस्या उठाने का अधिकार हैं.
मानमर्दन शुक्ला, उपमेयर
कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में नहीं ले सकता है. डिप्टी मेयर ने मेरे ऊपर माइक व पानी की बोतल फेंक जानलेवा हमला किया. मुझे छाती में चोट लगी है. इससे पहले भी पूर्व के नगर आयुक्त के साथ यहां के पार्षद मारपीट कर चुके हैं. निगम की जो स्थिति है, इसमें हम या कोई दूसरा नगर आयुक्त काम नहीं कर सकता है. अगर हम किसी पार्षद को गाली दिये होंगे, तो उसकी रिकॉर्डिंग होगी. प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है, तो पुलिस इसकी जांच करेगी.
संजय दुबे, नगर आयुक्त