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सीबीआई नहीं दाखिल कर सकी चार्जशीट
मुजफ्फरपुर : नवरूणा कांड में सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की, जबकि उनकी गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे हो गये हैं. चर्चा है कि सीबीआइ की लेटलतीफी का फायदा आरोपितों को मिल सकता है. जल्द ही उनकी ओर से जमानत अर्जी दिये जाने की भी बात कही जा रही है. शुक्रवार को […]
मुजफ्फरपुर : नवरूणा कांड में सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की, जबकि उनकी गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे हो गये हैं. चर्चा है कि सीबीआइ की लेटलतीफी का फायदा आरोपितों को मिल सकता है. जल्द ही उनकी ओर से जमानत अर्जी दिये जाने की भी बात कही जा रही है. शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई थी. जेल से सभी छह आरोपितों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया.
सीबीआइ ने 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए पूर्व जिप उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू, ब्रजेश सिंह, विक्कू शुक्ला, विमल अग्रवाल, राकेश कुमार व अभय गुप्ता को पटना बुलाया था. पूछताछ के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. 29 अप्रैल को उन्हें सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. शुक्रवार को गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे हो गये. सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई भी थी. उम्मीद थी कि सीबीआइ आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी.
सुनवाई के दौरान जेल मे बंद सभी छह आरोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से पेशी के लिए स्पेशल गाड़ी से लाया गया था. पेशी के बाद पुन: सभी को जेल वापस भेज दिया गया. इधर, सीबीआइ टीम के आने की चर्चा पूरे दिन होती रही, लेकिन सीबीआइ की ओर से न तो चार्जशीट दाखिल की गयी, न ही कोई कोर्ट में उपस्थित हुआ. कानून के जानकारों की मानें, तो गिरफ्तारी के 90 दिनों के अंदर चार्जशीट नहीं दाखिल किये जाने का फायदा जेल में बंद सभी छह आरोपित उठा सकते हैं. इससे पहले वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू ने भी सीबीआइ की ओर से चार्जशीट दाखिल नहीं किये जाने पर कोर्ट से जमानत ले ली है.
तीन बार पूछताछ, फिर भी हाथ खाली: छह आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ ने सभी को तीन बार लगातार रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इसके बावजूद सीबीआइ की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. वहीं, आरोपितों की ओर से दायर जमानत अर्जी को पहले सीबीआइ की विशेष अदालत ने खारिज कर दी. इसके बाद राकेश को छोड़ अन्य की जमानत अर्जी जिला जज ने भी खारिज कर दी. राकेश को चार्जशीट के अभाव मे निचली अदालत से ही जमानत मिल गयी थी.
अभय व विमल के वकील आज देंगे जमानत अर्जी : आरोपित होटल व्यवसायी अभय गुप्ता व मोतीपुर के मार्बल व्यवसायी विमल अग्रवाल की ओर से शनिवार को सीबीआइ अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की जा सकती है. उनके वकील प्रियरंजन उर्फ अन्नू ने बताया कि सीबीआइ 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी है. सीबीआइ के पास मेरे मुवक्किल के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है.
मामले की अगली सुनवाई नौ अगस्त को, 90 दिन पूरे, आरोपितों को मिल सकती है जमानतनवरूणा के पिता बोले, आज 12 बजे तक करूंगा इंतजारनवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा कि शनिवार दोपहर 12 बजे तक का इंतजार है. अगर सीबीआइ न्यायालय में चार्जशीट समर्पित नहीं करती है, तो आगे की रणनीति बनायी जायेगी. सुप्रीम कोर्ट इस केस की मॉनीटरिंग कर रही है. इस संबंध में वकील से संपर्क कर उन्हें सीबीआइ की इस कार्रवाई की जानकारी दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि इस केस के आरोपित वार्ड पार्षद राकेश सिन्हा पप्पू के विरुद्ध भी सीबीआइ ने न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया. कोर्ट ने उसे जमानत दे दी. सीबीआइ ने उसे 4 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया था, लेकिन जब 4 दिसंबर 2017 तक आरोप पत्र समर्पित नहीं किया, तो उसे जमानत मिल गयी. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह सभी आरोपित जमानत पर निकलते रहे, तो उनके पूरे परिवार का जीना मुश्किल कर देंगे.
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