सीबीआई व बचाव पक्ष के अधिवक्ता के बीच जमानत को लेकर हुई बहस
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पूर्व जिप उपाध्यक्ष शब्बू की जमानत अर्जी खारिज
सीबीआई व बचाव पक्ष के अधिवक्ता के बीच जमानत को लेकर हुई बहस अनुसंधान, गवाह व साक्ष्य प्रभावित होने के सीबीआई के तर्क पर कोर्ट ने अर्जी नामंजूर किया मुजफ्फरपुर : बहुचर्चित नवरूणा कांड में शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एचएन तिवारी ने जेल में बंद पूर्व जिप उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू की जमानत […]
अनुसंधान, गवाह व साक्ष्य प्रभावित होने के सीबीआई के तर्क पर कोर्ट ने अर्जी नामंजूर किया
मुजफ्फरपुर : बहुचर्चित नवरूणा कांड में शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एचएन तिवारी ने जेल में बंद पूर्व जिप उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद खारिज कर दिया.
जमानत के लिए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष में जोरदार बहस की. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उन्होंने सीबीआई के वकील की दलीलों को सही मानते हुए शाह आलम शब्बू
की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. सीबीआई की विशेष अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद बीते सोमवार को शब्बू की ओर से जिला जज के यहां जमानत अर्जी दायर की गयी थी. मंगलवार को सुनवायी के दौरान सीबीआई की ओर से किसी भी पक्ष के उपस्थित नहीं होने पर
कोर्ट ने अगली तिथि 22 जून को तय की थी.
यह था मामला : सीबीआई ने पटना में पूछताछ के बाद 29 अप्रैल को पूर्व जिप उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू, प्रॉपर्टी डीलर ब्रजेश कुमार, अस्पताल संचालक विक्रांत शुक्ला उर्फ विक्कू शुक्ला,
होटल व्यवसायी अभय गुप्ता, मोतीपुर के मार्बल व्यवसायी विमल अग्रवाल व अंडीगोला निवासी राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद सभी आरोपितों की कोर्ट में पेशी हुई थी. कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. सभी छह आरोपितों की जमानत अर्जी सीबीआई के विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
सीबीआई ने गवाह व साक्ष्य को प्रभावित होने का दिया हवाला
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