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प्रो बलराम की स्मृतियों को जीवंत करेगा हिंदी विभाग
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि का पीजी हिंदी विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो बलराम मिश्र की स्मृतियों को जीवंत करेगा. उनके शोधग्रंथ ‘प्रसाद की गद्यभाषा का अर्थ-सौंदर्य’ का लोकार्पण समारोह 28 मई को आयोजित किया गया है. इसके साथ ही उनके पुत्र कुमार अनुभव के शोधग्रंथ ‘छायावादी कवियों की कहानियों में यथार्थबोध’ का भी लोकार्पण होगा. […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि का पीजी हिंदी विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो बलराम मिश्र की स्मृतियों को जीवंत करेगा. उनके शोधग्रंथ ‘प्रसाद की गद्यभाषा का अर्थ-सौंदर्य’ का लोकार्पण समारोह 28 मई को आयोजित किया गया है. इसके साथ ही उनके पुत्र कुमार अनुभव के शोधग्रंथ ‘छायावादी कवियों की कहानियों में यथार्थबोध’ का भी लोकार्पण होगा.
वहीं, दूसरे सत्र में कवियों का जमावड़ा रहेगा. हिंदी विभाग ने आयोजन की तैयारी पूरी कर ली है. शनिवार को आयोजन सचिव डॉ सतीश कुमार राय ने प्रेसवार्ता कर कार्यक्रम की जानकारी दी. लोकार्पण सत्र का उद्घाटन बीआरएबीयू के कुलपति डॉ अमरेंद्र नारायण यादव करेंगे. पूर्व विभागाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह मुख्य वक्ता है. वहीं अन्य वक्ताओं में प्रो रवींद्र उपाध्याय, प्रो राजदेव प्रसाद यादव, प्रो प्रमोद कुमार, डॉ संजय पंकज व डॉ कल्याण कुमार झा शामिल हैं. बताया कि दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन शाम पांच बजे से किया गया है. इसमें 28 कवि-कवयित्रियों को आमंत्रित किया गया है. मौके पर डॉ त्रिविक्रम सिंह, प्रो रवींद्र उपाध्याय भी थे.
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