एक साल पहले लाखों रुपये की लागत से खरीदी गयी थीं तीन फॉगिंग मशीनें
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खराब पड़ीं मच्छर मारने की मशीनें, जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं
एक साल पहले लाखों रुपये की लागत से खरीदी गयी थीं तीन फॉगिंग मशीनें कुछ महीनों की अव्यवस्था के कारण बेपटरी हो चुकी है नगर निगम की व्यवस्था मुजफ्फरपुर : अपना शहर भले ही स्मार्ट सिटी में शामिल हो गया है. तेजी से बड़ी-बड़ी योजनाओं पर काम करने की तैयारी शुरू हो गयी है, लेकिन […]
कुछ महीनों की अव्यवस्था के कारण बेपटरी हो चुकी है नगर निगम की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर : अपना शहर भले ही स्मार्ट सिटी में शामिल हो गया है. तेजी से बड़ी-बड़ी योजनाओं पर काम करने की तैयारी शुरू हो गयी है, लेकिन नगर निगम में पिछले कुछ महीनों में अव्यवस्था का ऐसा आलम कायम रहा है कि शहर में अगर अभी बारिश हो जाती है. किसी कारण से दो-तीन दिनों तक सफाई ठप रहती है.
गली-मुहल्ले से कूड़े-कचरा का उठाव नहीं होता है, तो बदल रहे इस मौसम में शहर के लोगों को जीना मुश्किल हो जायेगा.
समय से नाले की उड़ाही नहीं होने से जहां जलजमाव की भीषण समस्या हो जायेगी, वहीं पिछले साल खरीदी गयी तीनों फॉगिंग मशीनों के खराब हो जाने से नगर निगम एक भी
मच्छर को नहीं मार सकता है. हालांकि, नगर आयुक्त संजय दूबे को जब इसकी जानकारी मिली है, तो
उन्होंने आनन-फानन में तीनों मशीनों को ठीक कराने की कवायद को शुरू कर दी है.
निगम के पास सफाई उपकरणों की कमी नहीं है. पटना से ज्यादा उपकरण यहां उपलब्ध हैं, लेकिन सही तरीके से रखरखाव व मरम्मत नहींं होने से ज्यादातर उपकरणोन ने काम करना बंद कर दिया है. तीन फॉगिंग मशीन निगम के पास उपलब्ध है. दुर्भाग्य से तीनों खराब हैं. यह गंभीर मसला है. ऐसे हम 15 दिनों के अंदर खराब उपकरणों को ठीक कर चालू करा देंगे.
संजय दूबे, नगर आयुक्त
नगर निगम में रुकेगा ‘तेल का खेल’
सफाई व कूड़ा-कचरा उठाने के नाम पर नगर निगम में ‘तेल का खेल’ सालों से चल रहा है. इसके नाम पर हर साल बड़ी राशि की लूट-खसोट होती है. इसमें कई स्तर पर खेल होता है. दस दिनों के कार्यकाल में ही नगर आयुक्त संजय दूबे ने इस गड़बड़ी को पकड़ी है. उन्होंने बहलखाना प्रभारी से लेकर सफाई इंचार्ज तक को सख्त हिदायत देने के साथ डीजल व पेट्रोल की आपूर्ति करनेवाले पंप मालिक को नगर निगम में ‘तेल का खेल’ नहीं हो, इसके लिए चेतावनी दी है.
साथ ही सभी ट्रैक्टर व ऑटो टिपर में उन्होंने जीपीएस लगा कर इसकी मॉनीटरिंग कराने की बात कही है. प्राथमिकता के आधार पर एक माह के अंदर नगर आयुक्त ने इस काम को पूरा करने का दावा किया है.
ड्राइवर के अभाव में सुपर सकर
मशीन का उपयोग नहीं
शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने व जाम अंडर ग्राउंड नाले की उड़ाही के लिए निगम प्रशासन ने पिछले वर्ष दो करोड़ से अधिक लागत से सुपर सकर मशीन की खरीदारी की थी, लेकिन निगम के पास अपना ड्राइवर नहीं होने से कई महीनों से आम्रपाली ऑडिटोरियम परिसर में सुपर सकर मशीन खड़ी है. इससे मशीन के पार्ट-पुर्जे पर भी असर पड़ रहा है. इसके अलावा बहलखाना में तीन जेसीबी मशीन व दो बॉब कट मशीन मरम्मत के अभाव में कई महीनों से पड़ी है.
कूड़ा उठाने के लिए निगम ने पिछले वर्ष ट्रैक्टर की खरीदारी की, लेकिन छोटी-मोटी खराबी आने पर उसे मरम्मत कराने के बदले बहलखाना में छोड़ दिया है. नतीजा, उपकरण रहते निगम बेहतर सफाई व नाले की उड़ाही नहीं करा पा रहा है.
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