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बेटा संजीत को कृषि वैज्ञानिक बनाना चाहता था चंदन भगत

पारू : पारू के बहदीनपुर पंचायत के मुकुंदपुर गांव का रहने वाला चंदन भगत मजदूरी कर पूरे परिवार का पेट भरता था. लेकिन एक साथ चार की मौत ने पूरे गांव वालों को झकझोर दिया है. उसका सपना था कि संजीत को वैज्ञानिक बनायेगा. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. गांववाले बताते हैं कि […]

पारू : पारू के बहदीनपुर पंचायत के मुकुंदपुर गांव का रहने वाला चंदन भगत मजदूरी कर पूरे परिवार का पेट भरता था. लेकिन एक साथ चार की मौत ने पूरे गांव वालों को झकझोर दिया है. उसका सपना था कि संजीत को वैज्ञानिक बनायेगा. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था.

गांववाले बताते हैं कि परिवार में कोई कलह की बात नहीं थी.
जिससे किसी प्रकार की शंका हो.अब तो इस परिवार में दो साल के मासूम सत्यम को भी सही से देखभाल करने वाला कोई नहीं है. 80 साल के दादा शंकर भगत व 75 साल की दादी देवकली देवी ही उसका इकलौता सहारा है. हालांकि उसका भी एसकेएमसीएच में इलाज चल रहा है. चंदन का एक भाई काफी दिनों से गांव नहीं आया है. चारों की मौत की गम में गांव के कई घरों के चूल्हे भी नहीं जले.
वृद्ध पिता देंगे मुखाग्नि :
चारों का शव एसकेएमसीएच में ही पड़ा है. रविवार की सुबह पोस्टमार्टम किया जायेगा. शंकर भगत ही शव को मुखाग्नि देंगे. उनके सामने भी जीवन जीने का संकट आ गया है. चंदन के नहीं रहने के बाद अब परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा. बेटे की मौत ने वृद्ध माता-पिता को कलेजे का टिस जिंदगी भर के लिए मिल गया. गांव केे लाेगों को भी इस बात की चिंता है कि अब तीनों की देखभाल कौन करेगा.
बेहोश हो गये थे पति-पत्नी :
चंदन की मौत की जानकारी मिलने के बाद शंकर व उनकी पत्नी बेहोश हो गये थे. उनके आंखों से आंसू थमने के नाम नहीं ले रहा था. एक मामूली से लापरवाही ने सभी की जान ले ली थी. गांव वाले बताते है कि चंदन के बाद उसकी पत्नी, बेटा व बेटी की तबीयत बिगड़ गयी. सभी को उल्टी होने लगी. पीएचसी में भर्ती कराया. लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी.
मां का दूध पीने से बिगड़ी सत्यम की हालत : रेखा की गोद में दो साल का मासूम भी था. चाय पीने के बाद उसके शरीर में जहर फैल गयी थी. मां का दूध पीने से वह भी बेहोश होने लगा. ग्रामीणों ने उसे पीएचसी में भर्ती कराया. वहां से डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया.
घटना की सूचना मिलते ही सरैया एसडीपीओ के साथ पारू इंस्पेक्टर अभय कुमार सिंह, पारू थानाध्यक्ष जितेंद्र देव, सरैया थानाध्यक्ष मो अलाउदीन पीएचसी पहुंचे. वहां से शवों को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया.
चायपत्ती में मिल गयी थाइमेट दवा : थोड़ी सी चूक से चार लोगों की जिंदगी चली गयी. विधिक प्रयोगशाला के सहायक निदेशक चंदन कुमार तीन सदस्यीय जांच टीम के साथ मृतक चंदन के घर के अंदर की जांच की. किचेन में एक ही प्लास्टिक के डिब्बे में चायपत्ती का खुला पैकेट व एक कागज में रखे थाइमेट नामक जहरीली दवा रखी हुई थी. अनुमान लगाया गया कि कि सुबह में अंधेरा होने की वजह से चाय बनाते समय चायपत्ती के साथ थाइमेट भी पड़ गया है. सहायक निदेशक चंदन कुमार ने बताया कि किचेन में कचरे के डिब्बे से चायपत्ती व थाइमेट मिला है. जिस ग्लास में चोरों ने चाय पी थी. उसे भी जब्त कर लिया गया है. चाय का नमूना भी लिया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो जायेगा. सरैया एसडीपीओ शंकर झा ने बताया कि चायपत्ती के साथ थाईमेट रखकर चाय बनाने से सभी की मौत हुई है. हालांकि अभी रिपोर्ट आनी बाकी है.

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