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नागरिक सुविधाओं के लिए तरस रहे कारोबारी

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में लहठी मंडी के रूप में मशहूर शहर के इस्लामपुर में सुविधाओं के नाम पर महज घोषणाएं हैं. आलम ये है कि यहां आने वाले ग्राहकों के लिए न तो शौचालय है, न ही पीने के लिए पानी. नागरिक सुविधाओं के नाम पर यहां नगर निगम की ओर से कोई व्यवस्था […]

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में लहठी मंडी के रूप में मशहूर शहर के इस्लामपुर में सुविधाओं के नाम पर महज घोषणाएं हैं. आलम ये है कि यहां आने वाले ग्राहकों के लिए न तो शौचालय है, न ही पीने के लिए पानी. नागरिक सुविधाओं के नाम पर यहां नगर निगम की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है. इस रोड में सड़क की स्थित वर्षों से जर्जर है. स्ट्रीट लाइट का अभाव है. एक-दो जगह वेपर लाइट दिखते जरूर हैं, लेकिन यह शोभा की वस्तु बने हैं.

विडंबना है कि शहर के दूसरे सबसे बड़े मार्केट में शुमार होनेवाले इस्लामपुर में सुविधाओं बहाल करने की कभी पहल नही हुई. यहां नालों का बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात में करीब तीन महीने तक पूरा इस्लामपुर पानी में डूबा रहता है. ऐसे समय में ग्राहक भी आने से कतराते हैं. कुछ वर्ष पूर्व सीएम स्वयं इस मार्केट का हाल देखने पहुंचे थे. यहां के कारोबारियों ने उनके समक्ष मांगें रखी थीं. सीएम के आश्वासन के बाद भी यहां की हालत नहीं सुधरी. इस्लामपुर मंडी में करीब 450 दुकानें हैं, जिनमें अधिकतर लहठी की हैं.

इसके अलावा जूते-चप्पल का भी यह बड़ा बाजार है. प्लास्टिक उत्पादों से लेकर कई अन्य जरूरी सामान की दुकानें हैं. दुकानदारों का कहना है कि यहां की स्थित सुधारने के लिए दुकानदारों ने दुकानें बंद कर जुलूस निकाला था, डीएम को ज्ञापन भी दिया गया था, लेकिन हालात नहीं सुधरे.
बाजार में सुरक्षा का इंतजाम नहीं
इस्लामपुर बाजार में नागरिक सुविधाएं नहीं हैं. यहां के दुकानदार वर्षों से यहां की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम इस पर ध्यान नहीं देता. टैक्स तो लेता है, लेकिन सुविधाओं का इंतजाम नहीं करता. यहां वाहन लगाने की भी व्यवस्था नहीं है. बरसात में तीन-चार महीनों तक सड़कों पर पानी लगने से कारोबार चौपट हो जाता है.
अंबिका ढंढारिया, प्लास्टिक सामग्री के विक्रेता
बाजार में चारों तरफ गंदगी का अंबार
सुविधाएं कुछ भी नहीं हैं. चारों तरफ गंदगी का अंबार है. लोग सड़क किनारे ही पेशाब करते हैं. इससे दुर्गंध फैलती है. इससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. किसको रोकें? कोई सुविधा ही नहीं, तो लोग कहां जाएं? शक्ति ट्रेडर्स के बगल में इतनी दुर्गंध आती है कि आप नाक पर रुमाल रखे बिना गुजर नहीं सकते. सड़क काफी जर्जर है, कब बनेगा, पता नहीं. आखिर किससे गुहार लगाएं?
मो आजाद, चूड़ी-लहठी कारोबारी
बरसात में बंद करनी पड़ती हैं दुकानें
वेपर लाइट लगी है, लेकिन जलती नहीं है. बरसात में जब सड़कों पर पानी लग जाता है, तो हमलोग को दुकानें बंद रखनी पड़ती हैं. इसके लिए हमलोगों ने कई बार डीएम को ज्ञापन भी दिया, लेकिन अभी तक निदान की पहल नहीं हुई. जिला प्रशासन व नगर निगम इस क्षेत्र की सुधि नहीं लेता है. इससे यहां के दुकानदार परेशान हैं. नागरिक सुविधाएं नहीं होने से ग्राहकों को काफी परेशानी होती है.
मो मिमशाद आलम, जूता-चप्पल कारोबारी

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