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अधीक्षक, डीएस व प्रबंधक का वेतन रोका

मुजफ्फरपुर: डीएम धर्मेंद्र सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान सीएस कार्यालय में समय से नहीं पहुंचने वाले स्वास्थ्यकर्मी सुधांशु कुमार की हाजिरी काट दी. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बड़े पैमाने पर खामियां पाये जाने पर अधीक्षक कौशल कुमार मिश्र, उपाधीक्षक एन के चौधरी और अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार का […]

मुजफ्फरपुर: डीएम धर्मेंद्र सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान सीएस कार्यालय में समय से नहीं पहुंचने वाले स्वास्थ्यकर्मी सुधांशु कुमार की हाजिरी काट दी. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बड़े पैमाने पर खामियां पाये जाने पर अधीक्षक कौशल कुमार मिश्र, उपाधीक्षक एन के चौधरी और अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार का वेतन रोक दिया. डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल की स्थिति काफी भयावह है. यहां के चिकित्सक ठीक से ड्यूटी नहीं करते. सरकार से वेतन लेते हैं तो ड्यूटी करनी पड़ेगी. उन्होंने व्यवस्था सुधारने की बात सीएस को कही.
वहीं मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए वार्ड के चारों तरफ से घेराबंदी करने का निर्देश दिया. दिन में 11 बजे सीएस कार्यालय के निरीक्षण करने के बाद डीएम सीधे ओपीडी में पहुंचे. वहां उन्होंने एक्सरे कक्ष का निरीक्षण किया और फर्श पर केमिकल गिरे देख कर्मचारी को फटकार लगायी. इसके बाद ओपीडी के किस विभाग में कौन-कौन डॉक्टर पहुंचे हैं, इसकी भी जानकारी ली. मेडिसिन वार्ड में एक डॉक्टर और मरीजों की कतार लगे रहने पर उन्होंने सीएस डॉ ललिता सिंह से दूसरे मेडिसिन के डॉक्टर के बारे में पूछा. इस पर सीएस ने डॉक्टर के छुट्टी पर रहने की बात कही. डीएम ने सीएस को फटकार लगाते हुए तत्काल मेडिसिन में दूसरे डॉक्टर काे भेजने को कहा. इसके बाद हॉस्पिटल में दवाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली.
प्रभात खबर ने उठाया था मुद्दा
प्रभात खबर लगातार सदर अस्पताल में फैली अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाता रहा है. 21 नवंबर के अंक में पेज दो पर ‘डॉक्टर आये 10.30 बजे, हाजिरी 8.30 बजे’ दर्ज शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. प्रभात खबर में छपी खबर पर डीएम ने संज्ञान लेते हुए औचक निरीक्षण किया.
सर, दो की जगह एक ही केला मिलता है..
पुरुष वार्ड में निरीक्षण के दौरान रूपौली की पूजा कुमारी से पूछा कि दवा मिलती है या नहीं. उसने कहा कि बाहर से दवा खरीद कर लाते है. वहां मौजूद डॉ धीरेंद्र प्रसाद सिंह से डीएम ने कहा कि दवा बाहर की क्यों लिखे है. डॉक्टर ने अस्पताल की दवा ठीक नहीं होने की बात कहीं, जिस पर डीएम ने कहा कि आपने रिसर्च किया है कि कौन सी दवा ठीक है और कौन सी दवा ठीक नहीं है. सरकार जो दवा देती है, वहीं दवा मरीजों को लिखे. इसके बाद मरीजों से खाना के बारे में पूछा तो जवाब मिला कि केला दो की जगह एक मिलती है, अंडा नहीं मिलता है, दूध पानी मिला हुआ मिलता है.

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